वैदिक ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को बेहद शुभ ग्रह माना गया है। चंद्रमा का संबंध भगवान शिव से होता है। चंद्रमा माता, मन, शांति, उदारता का कारक ग्रह माना गया है। मोती, दूध और पानी चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है, तो उसे कई प्रकार की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे तनाव, डिप्रेशन, अनिद्रा और सिर दर्द की समस्याएं घेरने लगती हैं। वहीं कई बार तो पीड़ित चंद्रमा मानसिक अस्थिरता और मानसिक असंतुलन तक का कारण बनता है।
कुंडली में कमजोर चंद्रमा के संकेत
यदि किसी जातक की कुडंली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर है तो उसे सिर दर्द, तनाव और डिप्ररेशन का सामना करना पड़ता है। समय पर नींद नहीं आती है। मन विचलित रहता है। मां से रिश्ते खराब होने लगते हैं। मां को कोई न कोई तकलीफ होती रहती है। ऐसी स्थिति में मोती धारण करने से राहत मिलती है। साथ ही सफेद रंग का उपयोग करना चाहिए।
लाल किताब के उपायों से दूर होगा चंद्र दोष
– लाल किताब के अनुसार चंद्र ग्रह की शांति के लिए थोड़ी सी सौफ जमीन में दबा दें।
– लाल किताब के अनुसार जरूरतमंदों को जल और दूध का दान करें।
– कुंडली में चंद्रमा को बलशाली बनाने के लिए किसी गरीब बच्चें के लिए दूध का इंतजाम करें।
– चंद्र दोष दूर करने के लिए ‘ऊँ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय. इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एश वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणानां राजा.’ मंत्र का जाप करेँ। –
-चंद्र दोष दूर करने के लिए तांत्रिक मंत्र- ‘ऊँ सों सोमाय नमः का जाप करें।
-चंद्र दोष दूर करने के लिए बीज मंत्र- ‘ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः.’ का जाप करें।
डिसक्लेमर
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