राष्ट्र चंडिका, सिवनी। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के सिवनी आने से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना और राजिक अकील तुर्राम खां की तो चांदी हो गई है उन्होने अपने बयान में टिकिट वितरण का काम स्थानीय कमेटी को सौंपने की बात कहने से अनेक दावेदारों की मंशा पर पानी फिर गया है ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भी कांग्रेस को करारी हार मिलेगी क्योंकि ये दोनों नेता ऐसे व्यक्ति को टिकिट दिलाने की जुगत में है जिनका आमजन में कोई वजूद ही नही है। जिन आदिवासियों के भरोसे कांग्रेस ने 70 वर्ष तक काम किया उन आदिवासियों को भला बुरा कहकर कांग्रेस ने वह वोट बैंक भी समाप्त कर लिया है उनके इस बयान से सिवनी के साथ-साथ अब बरघाट और लखनादौन की सीटें भी कांग्रेस के हाथ से निकल सकती है खुराना और तुर्राम खां राजिक अकील तो अपने आपको ऐसा समझ रहे है मानों कांग्रेस इनके घर से चल रही हो हर कांग्रेस कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष की शिकायत कर चुका है लेकिन कमलनाथ का मोह जीती सीट को भी हार में बदल रहा है कांग्रेसियों को सबक लेना चाहिए और इन दोनों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।