जबलपुर। प्रदेश सरकार घोटालों की सरकार है। इसके कार्यकाल में सभी स्तरों पर घोटाले और भ्रष्टाचार हुए। सरकार ने मनमाने तरीकों से अपने लोगों को उपकृत किया और राजनीतिक विराेधियों के क्षेत्र में विकास कार्याें में रोड़े अटकाए। यह आरोप है नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के। वे जबलपुर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी मुहम्मद बिन तुगलक की तरह काम करने का तंज कसा। इसी प्रकार से उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी पत्नी और श्वसुर को एग्रीकल्चर कालेज में महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति दिलाई। दरअसल जबलपुर में वे कांग्रेस की बैठक में शामिल होने आज सुबह पहुंचे हैं। जहां सर्किट हाउस में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और पत्रकारवार्ता को संबोधित किया।
जबलपुर आएंगी प्रियंका गांधी, करेंगी विधानसभा चुनाव का शंखनाद
नेता प्रतिपक्ष गोंविंद सिंह ने कहा कि 12 जून को जबलपुर से विधानसभा चुनाव 2023 का शंखनाद किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिए कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका वाड्रा गांधी जबलपुर आएंगी। इस पत्रकार वार्ता के दौरान यह भी बताया गया कि प्रियंका वाड्रा गांधी नर्मदा तट पर पूजन के साथ अभियान की शुरुआत करेंगी। इसकी तैयारी के लिए आज जबलपुर में कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक ली जा रही है।
सालाना बजट से ज्यादा कर्ज
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार के ऊपर करीब चार लाख करोड़ का कर्ज है, जबकि बजट 3.14 लाख करोड़ रुपये का ही है। सरकार को बताना चाहिए कि उसने जो चार लाख करोड़ का कर्ज लिया उसकी राशि कहां गई? उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल में भी राहत कार्यों के नम पर बड़ी गड़बड़ी की गई। कागजों पर तो काम खूब हुए, लेकिन धरातल पर वो कहीं दिखाई नहीं देते।
जलजीवन मिशन में घोटाला
गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत प्रदेश में सात से आठ हजार करोड़ का घोटाला किया जा रहा है। गुजरात की कंपनियों को ठेके दिए जा रहे हैं।, इसी प्रकार से प्रदेश में 119 करोड़ का पोषण आहार घोटाला हुआ। पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कालेजों की आड़ में भी जमकर घोटाला हुआ।
बताएं चालू क्यों किया था 2000 का नोट
रिजर्व बैंक की ओर से दो हजार के नोट बंद किए जाने को लेकर भी नेता प्रतिपक्ष ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि दो हजार के नोट बंद करने की वजह क्या है? इसके अलावा दो हजार के नोटों को चालू ही क्यों किया गया था?
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