2008 के मुंबई आतंकी हमलों के एक केस में भारत को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। अमेरिका में कैलिफोर्निया की अदालत ने आतंकी हमलों (26/11 Mumbai Terror Attack) के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के प्रत्यर्पण को अनुमति दे दी है। जून 2020 में भारत ने प्रत्यर्पण की मांग की थी। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई कारोबारी है।
मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) की भूमिका
बता दें, साल 2008 में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे।
हमलों में राणा की भूमिका की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इन हमलों में राणा की भूमिका के लिए भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर अमेरिका ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
अदालती सुनवाई के दौरान संघीय अभियोजनकर्ताओं ने दलील दी कि राणा इस बात से वाकिफ था कि उसके बचपन का पाकिस्तानी-अमेरिकी दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर ए तैयबा से जुड़ा था।
हेडली की मदद कर रहा था Tahawwur Rana
हेडली की मदद करके और उसकी गतिविधियों पर पर्दा डालकर राणा आतंकी संगठन व उससे जुड़े लोगों की मदद कर रहा था। राणा को हेडली की बैठकों, उनमें हुई चर्चा और कुछ टारगेट समेत हमलों की साजिश के बारे में पता था।
अमेरिकी सरकार ने जोर देकर कहा कि राणा साजिश का हिस्सा था और उसने एक आतंकी कृत्य को अंजाम देने का बड़ा अपराध किया। दूसरी ओर, राणा के अटॉर्नी ने प्रत्यर्पण का विरोध किया।
अब NIA के अधिकारियों का कहना है कि राणा से पूछताछ में और खुलासे होंगे और पाकिस्तान के बेनकाब करने में मदद मिलेगी।
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