भोपाल। संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) स्टेशन को आधुनिक और सर्व-सुविधायुक्त बनाने के लिए पिछले 25 साल से संघर्ष कर रही रेल सुविधा संघर्ष समिति ने इस बार भी तीन माह तक संघर्ष का रास्ता त्याग कर सेवा का मार्ग चुना है। भीषण गर्मी में जब कंठ सूखने लगते हैं, तब समिति के सेवादार यात्रियों को उनकी सीट पर ही ठंडा पानी उपलब्ध कराते हैं।
समिति की स्थापना उस समय हुई थी, जब बैरागढ़ स्टेशन ग्रामीण स्तर का था। यहां केवल आधा दर्जन ट्रेनें ही रूकती थीं। समिति के अध्यक्ष परसराम आसनानी बताते हैं कि उन आधा दर्जन ट्रेनों से आने वाले यात्री पानी के लिए तरस जाते थे। स्टेशन पर केवल एक प्याऊ हुआ करती थी। उसमें से गर्म पानी आता था। यात्री ठंडा पानी खरीदने के लिए भी तैयार हो जाते थे, लेकिन कोई बेचने वाला भी नहीं था। स्टेशन पर केवल एक चाय का स्टाल ही था। ऐसे समय में हमें जल सेवा करने की प्रेरणा मिली।
24 साल में 15 गुना खपत बढ़ी
समिति ने जल सेवा की शुरूआत 1999 में की थी। उस समय रोज एक हजार लीटर पानी की खपत थी। अब यह खपत 15 हजार लीटर प्रतिदिन तक पहुंच गई है। आसनानी के अनुसार जीव सेवा संस्थान के सहयोग से पानी के टैंकर स्टेशन पहुंचाए जाते हैं। इसे साफ बर्फ से ठंडा किया जाता है। सेवादार प्लास्टिक की छोटी टंकियों में पानी भरकर ट्रेन के सामने खड़े हो जाते हैं। ट्रेन आते ही यात्री खुद ही खाली बोतल सामने कर देते हैं। इसमें ठंडा पानी भर दिया जाता है। आसनानी बताते हैं कि कभी-कभी सेवादार अपने खर्च से शर्बत एवं मिल्करोज की व्यवस्था भी करते हैं। करीब दो दर्जन सेवादार 30 ट्रेनों में पानी उपलब्ध कराते हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.