13 साल के बच्चे ने पहले गार्ड को मारा ‎फिर आठ मासूमों की ले ली जान

बेलग्रेड। सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में 13 साल के बच्‍चे ने आठ बच्‍चों की जान ले ली। इससे पहले उसने स्कूल के सुरक्षा गार्ड को ढेर ‎किया। इस घटना से समूचे यूरोप में हलचल मच गई है। इस घटना में कई बच्‍चे गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। हैरान करने वाली बात है कि बच्‍चे ने पहले कागज पर हमले का एक स्‍केच बनाया था। अधिकारियों की तरफ से हुई एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जब इसे दिखाया गया तो हर कोई परेशान हो गया। बच्‍चे ने गोलीबारी के बाद खुद पुलिस को फोन किया। हालां‎कि देश में हथियार रखने के कानून बहुत सख्‍त हैं और इसके बाद भी यह चौंकाने वाली घटना हुई है। जानकारी के अनुसार व्लादिस्लाव रिबनिकर एलीमेंट्री स्कूल में जैसे ही छात्र पहुंचे, फायरिंग शुरू हो गई। बेलग्रेड के सबसे पॉश एरिया व्राकर में यह स्कूल ‎स्थित है। फायरिंग की खबर आते ही घबराए माता-पिता मौके पर पहुंचे। बेलग्रेड के पुलिस प्रमुख वेसेलिन मिलिक ने मीडिया कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि सुरक्षा गार्ड के साथ सात लड़कियों और एक लड़के की मौत इस घटना में हुई है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बुधवार को मारे गए लोगों में फ्रांसीसी राष्ट्रीयता वाली एक छात्रा भी शामिल है। सर्बिया के गृह मंत्रालय ने कहा कि एक और छह बच्चों और एक शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। संदिग्ध ने उस समय फायरिंग शुरू की जब हिस्‍ट्री की क्‍लास चल रही थी।
पुलिस के मुताबिक क्‍लास स्‍कूल गेट के एकदम करीब थी और इसलिए उसने इसे चुना था। मिलिक ने कहा कि उसने पहले सुरक्षा गार्ड को मार दिया फिर दूसरी कक्षा में जाकर अपने साथ पढ़ने वाले बच्‍चों को गोली मार दी। बच्‍चे ने तब पुलिस को फोन किया और स्कूल के मैदान में गिरफ्तार होने का इंतजार किया। शूटर को बाद में हथकड़ी लगाकर और नीली जींसऔर एक जैकेट पहने हमलावर को गिरफ्तार किया। उसे पुलिस अधिकारियों ने घेर लिया गया और एक पुलिस कार में ले जाया गया।
बता दें ‎कि सर्बिया दुनिया का वह देश है जहां पर बंदूक रखने वालों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है। सन् 1990 के बाद से ही यहां पर हथियार रखने का चलन बढ़ा है। साल 2019 में यहां पर 100 लोगों पर 39.1 हथियार थे। यह आंकड़ा अमेरिका और मोंटेगोमरो के बाद सबसे ज्‍यादा है। सर्बिया में इसके बाद भी ऐसी घटनाएं बहुत कम देखने को मिलती हैं। आखिरी बार साल 2013 में ऐसी घटना हुई थी जब बाल्‍कन युद्ध में शामिल पूर्व सैनिक ने गांव में फायरिंग करके 13 लोगों की जान ले ली थी।

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