हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। ये व्रत हर माह में त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव शंकर की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि त्रयोदशी के दिन व्रत रखकर पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। साथ ही दांपत्य जीवन में भी प्यार बना रहता है। इस दिन लोग पूरी आस्था और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। दिनभर व्रत रखकर शाम को प्रदोष काल में शिव जी की पूजा करते हैं। मान्यता है कि जो भक्त प्रदोष व्रत रखते हैं उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही इस दिन कुछ मंत्रों के जाप से शुभ फल मिलता है। ये रहे शिव जी के चमत्कारी मंत्र…
प्रदोष व्रत तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 मई 2023 की रात 11 बजकर 17 मिनट पर हो रही है। अगले दिन इस तिथि का समापन 03 मई की रात को 11 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए प्रदोष व्रत 3 मई को रखा जाएगा। बुधवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम के 6 बजकर 57 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ये शिव गायत्री मंत्र है। इस मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना जाता है। बुध प्रदोष व्रत के दिन इस मंत्र से जातक को जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय
108 बार इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का शरीर और दिमाग शांत रहता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
इस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन इसका जाप करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि ये मंत्र भक्तों की सभी मनोकामनाएं शिव जी तक पहुंचाता है।
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