नई दिल्ली । एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग के संस्थानों की लगभग 45 फ़ीसदी सीटें इस साल खाली रह गई। एआईसीटीई के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021- 22 में 25। 39 लाख सीटों का आवंटन किया गया था। इंजीनियरिंग संस्थानों में मात्र 14 लाख छात्रों ने ही प्रवेश लिया। जिन छात्र-छात्राओं ने इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की। उनमें से मात्र 6। 18 लाख छात्र छात्राओं को ही कैंपस से प्लेसमेंट मिला है। पास होने वाले छात्रों और केंपस सिलेक्शन में प्लेसमेंट मिलने वाले,छात्रों की संख्या काफी कम होने से, इंजीनियरिंग की शिक्षा को लेकर युवाओं में रुचि हर साल कम होती जा रही है।
एआईसीटीई ने वर्ष 2023-24 का एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है। इसके अनुसार 15 सितंबर तक फर्स्ट ईयर के एडमिशन की प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी। सेकंड ईयर में होने वाली लेटरल एंट्री की डेडलाइन भी 15 सितंबर रखी गई है।
एआईसीटीई ने क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की सुविधा शुरू कर दी है। सिलेबस को भी समय-समय पर पुनरीक्षित करना शुरू कर दिया है। कोर ब्रांच में नई ब्रांचों को शामिल करने की सुविधा दी जा रही है। लैब और हॉस्टल सुविधाओं को लेकर भी बड़े पैमाने पर सुधार किए जा रहे हैं।
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