जम्मू । जम्मू-कश्मीर का माहौल पूरी तरह बदल चुका है। देश के अन्य भागों की तरह यहां भी रामनवमी का त्यौहार पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। खासतौर पर कश्मीर घाटी में जिस तरह भव्य शोभा यात्राएं निकलीं, मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी, शंख और ढोल मजीरे बजाते हुए भक्तों की टोलियां नाचते गाते मंदिरों की ओर चलीं, शंकराचार्य मंदिर में दर्शनों के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, वह सब दर्शाता है कि आज घाटी में हिंदू भी अपने धार्मिक पर्व पूरे उत्साह के साथ मना पा रहे हैं। श्रीनगर की ही बात करें, जब भव्य शोभा यात्रा निकली, तब आसपास के लोगों ने भी उसमें भाग लेकर भक्तों का स्वागत किया। कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई शोभा यात्रा, पुराने शहर के जैंदर मोहल्ला से शुरू होकर हब्बाकदल, बर्बर शाह, लाल चौक, हरि सिंह हाई स्ट्रीट और जहांगीर चौक होते हुए टांकीपोरा में संपन्न हुई।
शोभा यात्रा के आयोजक पवन चेतन्यदास ने बताया, हम पिछले 16 सालों से हर साल यह यात्रा और ‘झांकी’ निकालते आ रहे हैं। लेकिन घाटी में उथल-पुथल के कारण इस रोक दिया गया था। परन्तु अब यह फिर से शुरू हो गई है। उन्होंने जुलूस निकालने में सहयोग करने के लिए कश्मीरी मुसलमानों और कश्मीरी पंडितों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, हम कश्मीर में लोगों की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। हम चाहते हैं कि हर कोई सद्भाव से रहे क्योंकि खून खराबे से कुछ हासिल नहीं होगा। दूसरी ओर, भक्तों ने कहा कि आज भगवान राम का जन्म है और कश्मीर में इस दिन को हम अपने मुसलमान भाइयों के साथ उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं। सभी ने कहा कि हम भगवान राम से घाटी में शांति और समृद्धि लाने की प्रार्थना करते हैं।
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