नई दिल्ली। कांगेस को अमेठी सीट पर राहुल गांधी का विकल्प ढूंढना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद पार्टी और सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई हैं। कांग्रेस का कभी गढ़ मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से कोई ऐसा चेहरा ढूंढना चाहिए जो सफल हो सके। हालाकि 2019 में अमेठी सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने सेंध लगा दी थी। अब जबकि आपराधिक मामले में दोषी साबित करार दिए जाने के बाद राहुल के चुनावी भविष्य पर तलवार लटकती दिख रही है। ऐसे में पार्टी अमेठी सीट पर संभावित उम्मीदवार को लेकर बेहद चिंता में है। गौरतलब है कि साल 2004 से ही अमेठी सीट से राहुल मैदान में उतर रहे हैं और जीत दर्ज कर रहे हैं। 2019 में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया था। उस दौरान राहुल ने दो सीटों से चुनाव लड़ा था और केरल की वायनाड सीट से सांसद बने थे। फिलहाल, कोर्ट ने राहुल को 30 दिनों राहत दी और ऊपरी कोर्ट में अपील करने की अनुमति भी दी है। अब यदि अपील स्वीकृत होने पर राहत मिलती है तो ठीक है वरना यूपी कांग्रेस के पार्टी पदाधिकारियों के हवाले से कहा तो ये भी जा रहा है कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उम्मीदवार के तौर पर पहली पसंद होंगी। प्रियंका पार्टी की प्रदेश प्रभारी बनने से पहले भी वह रायबरेली और अमेठी में प्रचार की कमान संभाल चुकी हैं। ऐसे में उनपर भरोसा जताया जा सकता है। इसके अलावा अटकलें ये भी हैं कि अगर पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ती हैं, तो पार्टी प्रियंका को रायबरेली से भी उतार सकती है।
अमेठी का चुनावी गणित
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा अपनी ही पार्टी को घेरने की चचा के साथ वरुण का एक पुराना भाषण भी वायरल हुआ था, जहां उन्होंने कहा था कि उन्हें कांग्रेस से कोई परेशानी नहीं है। कुछ समय पहले ही समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने संकेत दिए थे कि उन्हें अमेठी से उतारा जा सकता है। ऐसे में कयास लगाए जाने थे कि यह उम्मीदवार वरुण गांधी हो सकते हैं। उनके अखिलेश से अच्छे संबंध और भाजपा में दरकिनार होना प्रमुख कारण बताया जा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि सपा और राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन उन्हें अमेठी से उतार दे, जहां उन्हें कांग्रेस का भी समर्थन हासिल हो।
राहुल को जल्द राहत की उम्मीद
गांधी परिवार के वफादार कहे जाने वाले पूर्व एमएलसी दीपक सिंह चुनाव लड़ने की बात से इनकार कर रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद हैं कि राहुल गांधी को जल्दी राहत मिल सकती है। उन्होंने दावा किया कि राहुल यहां से बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे। इसके अलावा कई कांग्रेस नेताओं का मानना है कि 2019 में हार और भारत जोड़ो यात्रा के बाद इस बार राहुल के लिए लोगों को मन में सहानुभूति है। कयास लगाये जा रहे हैं कि अगर गांधी परिवार से उम्मीदवार नहीं उतरता है, तो पार्टी पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सिंह को मौका दे सकती है, जो फिलहाल भाजपा में हैं।
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