ठेले पर पति का शव, पीछे-पीछे पत्नी, जिसने भी देखा ठिठक गया

पति के इलाज के लिए पैसे नहीं थे। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद पत्नी ठेले से शव को वापस ले जा रही थी।

ठेले पर पति का शव…पीछे-पीछे चलती पत्नी…जिसने भी मोहनलालगंज की सड़कों पर ये मार्मिक दृश्य देखा ठिठक गया। लोग सवाल पूछते रहे-कौन हैं ये आपके? क्या शव वाहन नहीं मिला? पत्नी सबको एक जवाब देती रही-हम वहां (सीएचसी पर) बताए हैं। यानी सीएचसी पर हमने कहा, पर वाहन नहीं मिला। शनिवार की इस घटना का रविवार को वीडियो वायरल हो गया। इससे स्वास्थ्य विभाग की जमकर किरकिरी हुई। सीएचसी प्रभारी से लेकर सीएमओ तक मामले पर पर्दा डालने लगे।

सीतापुर के महमूदाबाद का रहने वाला पिंटू (60) मोहनलालगंज के शंकरबख्श खेड़ा गांव में कबाड़ का काम करता था। बुधवार को गांव के पास पुलिया से गिरकर वह घायल हो गया था। आर्थिक तंगी के कारण वह दो दिनों तक इलाज के लिए नहीं गया। शनिवार को हालत गंभीर होने पर पत्नी अनीशा उसे अन्य की मदद से ठेलिया पर लादकर सीएचसी लाई। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पत्नी ने शव को घर तक ले जाने के लिए मदद की गुहार लगाई। पर, किसी का दिल नहीं पसीजा। कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। नतीजा-जिस ठेलिया से उसे अस्पताल लाया गया था, उसी पर शव ले जाया गया। पांच किमी. तक पत्नी पति के शव के पीछे-पीछे पैदल चलती रही।

सीएचसी प्रभारी बोले-डॉक्टर ने कहा था, वाहन आने पर शव ले जाइए

सीएचसी प्रभारी डॉ. अशोक का कहना है कि इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जानकारी दी है कि मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो चुकी थी। परिजनों से कहा गया था कि वाहन आ जाए तो शव लेकर जाइए। पर, वे जिस ठेले से आए थे उसी से शव लेकर चले गए।

परिवार ने वाहन मांगा होता तो मुहैया कराया जाता

सीएमओ डॉ. मनोज का कहना है कि सीएचसी स्तर पर शव वाहन की कोई व्यवस्था नहीं है। तीमारदारों के शव वाहन मांगने पर बड़े अस्पतालों से मुहैया कराया जाता है।

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