माह शावान की 29 तारीख को माह रमजान का चांद नजर नहीं आया जिसके चलते माह शावान की 30 तारीख 23 मार्च की शाम माह रमजान का चांद नजर आने के पश्चात इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र माह रमजान की शुरूवात हो गई है। वहीं आज 24 मार्च को माह रमजान का पहला रोजा इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा रखा जायेगा।
रहमत, वरकत, फजीलत का माह रमजान आज 24 मार्च से प्रारंभ हो गया, जिसके चलते इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा रोजा रखने के साथ ही कुरान की तिलावत व नमाज के लिए मस्जिदों में पहुंचने वाले नमाजियों की संख्या में भी वृद्धि हो गई। बीते 23 मार्च की शाम माह रमजान का चांद नजर आने के साथ ही मस्जिदों में ईशा की नमाज के साथ ही तरावीह की नमाज भी प्रारंभ कर दी गई।
माह रमजान की तैयारियों को लेकर मुस्लिम धर्मालंबियों द्वारा पहले से ही तैयारियां की जा रही थी जिसके चलते अपने घरों के साथ ही मस्जिदों की साफ-सफाई व रंग-रोवन का कार्य पूरा कर लिया गया है, साथ ही माह रमजान को लेकर आवश्यक सामग्रियों की खरीदी भी लोगों के द्वारा की जा चुकी है। माह रमजान को रहमत, वरकत, फजीलत व जहनम से आजादी का महीना भी कहां जाता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदों पर महरवान रहता है और उन्हे उनके गुनाहों से माफी तलब करने पर माफ भी कर देता है।
बाक्स- एक के बदले 70 नेकियां
माह रमजान में अल्लाह अपने बंदों से खुश होकर नेकियों में भी ईजाफा कर देता है, माह रमजान में अल्लाह अपने बंदों को एक नेकी के बदले 70 नेकियों का शबाव अता करता है। इस माह में मुस्लिम धर्मालंबी अधिक से अधिक नेकियां करते है जिसमें रोजा रखना, नमाज पढ़ाना, कुरान की तिलावत करना और जकात खैरात करना आदि शामिल है।
बाक्स- नमाजे तरावीह
दींगर महीनों को छोड़कर माह रमजान में मस्जिदों में नमाजे तरावीह का एहतेमाम भी किया जाता है, इस दौरान माह रमजान में नमाजे ईशा के साथ ही 20 रकात नमाज तरावीह की विशेष तौर से पढ़ी जाती है जिसमें हाफिजे कुरान नमाज के दौरान कुरान की तिलावत करता है और नमाज पढऩे वाले इसे सुनते है। तरावीह की नमाज सिर्फ माह रमजान में ही पढ़ी जाती है।
बाक्स-माह रमजान का पहला अशराह भी प्रारंभ
23 मार्च की शाम माह रमजान का चांद नजर आने के साथ ही माह रमजान का पहला अशराह प्रारंभ हो गया। माह रमजान में 3 अशराह होते है, पहला अशराह पहले रोजे से 10 वें रोजे तक रहमत का, दूसरा अशराह 11 रोजे से 20 वें रोजे तक मगफिरत का वहीं तीसरा अशराह 21 वें रोजे से आखिरी रोजे तक जहनम से आजादी का रहता है। वहीं आखिरी अशराह में 20 रोजे से 5 शबेकद्र भी पड़ती है जिन्हें 21, 23, 25, 27, 29 वीं शबेकद्र कहां जाता है, शबेकद्र की एक रात की इबादत को एक हजार महीनों की रात से बेहतर बताया गया है।
बाक्स-माह रमजान का पहला जुमा आज
माह रमजान की शुरूवात 30 शावान का चांद नजर आने के पश्चात हो गई वहीं आज 24 मार्च को पहले रोजे को ही माह रमजान का पहला जुमा मस्जिदों में अदा किया जायेगा। इस साल माह रमजान में 5 जुमा पड़ेगे, पहला जुमा पहले रोजे 24 मार्च को, दूसरा जुमा 8 वें रोजे 31 मार्च को, तीसरा जुमा 15 वें रोजे 7 अप्रैल को, चौथा जुमा 22 वें रोजे 14 अप्रैल को वहीं पांचवा जुमा 29 वें रोजे 21 अप्रैल को पड़ेगा।
माह रमजान की तैयारियों को लेकर मुस्लिम धर्मालंबियों द्वारा पहले से ही तैयारियां की जा रही थी जिसके चलते अपने घरों के साथ ही मस्जिदों की साफ-सफाई व रंग-रोवन का कार्य पूरा कर लिया गया है, साथ ही माह रमजान को लेकर आवश्यक सामग्रियों की खरीदी भी लोगों के द्वारा की जा चुकी है। माह रमजान को रहमत, वरकत, फजीलत व जहनम से आजादी का महीना भी कहां जाता है। इस महीने में अल्लाह अपने बंदों पर महरवान रहता है और उन्हे उनके गुनाहों से माफी तलब करने पर माफ भी कर देता है।
बाक्स- एक के बदले 70 नेकियां
माह रमजान में अल्लाह अपने बंदों से खुश होकर नेकियों में भी ईजाफा कर देता है, माह रमजान में अल्लाह अपने बंदों को एक नेकी के बदले 70 नेकियों का शबाव अता करता है। इस माह में मुस्लिम धर्मालंबी अधिक से अधिक नेकियां करते है जिसमें रोजा रखना, नमाज पढ़ाना, कुरान की तिलावत करना और जकात खैरात करना आदि शामिल है।
बाक्स- नमाजे तरावीह
दींगर महीनों को छोड़कर माह रमजान में मस्जिदों में नमाजे तरावीह का एहतेमाम भी किया जाता है, इस दौरान माह रमजान में नमाजे ईशा के साथ ही 20 रकात नमाज तरावीह की विशेष तौर से पढ़ी जाती है जिसमें हाफिजे कुरान नमाज के दौरान कुरान की तिलावत करता है और नमाज पढऩे वाले इसे सुनते है। तरावीह की नमाज सिर्फ माह रमजान में ही पढ़ी जाती है।
बाक्स-माह रमजान का पहला अशराह भी प्रारंभ
23 मार्च की शाम माह रमजान का चांद नजर आने के साथ ही माह रमजान का पहला अशराह प्रारंभ हो गया। माह रमजान में 3 अशराह होते है, पहला अशराह पहले रोजे से 10 वें रोजे तक रहमत का, दूसरा अशराह 11 रोजे से 20 वें रोजे तक मगफिरत का वहीं तीसरा अशराह 21 वें रोजे से आखिरी रोजे तक जहनम से आजादी का रहता है। वहीं आखिरी अशराह में 20 रोजे से 5 शबेकद्र भी पड़ती है जिन्हें 21, 23, 25, 27, 29 वीं शबेकद्र कहां जाता है, शबेकद्र की एक रात की इबादत को एक हजार महीनों की रात से बेहतर बताया गया है।
बाक्स-माह रमजान का पहला जुमा आज
माह रमजान की शुरूवात 30 शावान का चांद नजर आने के पश्चात हो गई वहीं आज 24 मार्च को पहले रोजे को ही माह रमजान का पहला जुमा मस्जिदों में अदा किया जायेगा। इस साल माह रमजान में 5 जुमा पड़ेगे, पहला जुमा पहले रोजे 24 मार्च को, दूसरा जुमा 8 वें रोजे 31 मार्च को, तीसरा जुमा 15 वें रोजे 7 अप्रैल को, चौथा जुमा 22 वें रोजे 14 अप्रैल को वहीं पांचवा जुमा 29 वें रोजे 21 अप्रैल को पड़ेगा।
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