केंद्र सरकार की ओर से लोगों के फायदे के लिए कई सारी स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम के जरिए लोगों को काफी फायदा भी मिल रहा है. इन्हीं स्कीम में इंवेस्टमेंट, सेविंग और टैक्स बचाने के लिहाज से भी कई योजनाएं लोगों को उपलब्ध करवाई जा रही है. इनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम भी शामिल है. पीपीएफ स्कीम के जरिए लोगों को काफी फायदा मिलता है लेकिन एक बात का सभी लोगों को ध्यान में रखना चाहिए, वरना पैसा अटक भी सकता है.
पीपीएफ स्कीम
पीपीएफ स्कीम पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधीन आती है. इस स्कीम के जरिए निवेशक एक वित्त वर्ष में मिनिमम 500 रुपये का इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. वहीं अधिकतम एक वित्त वर्ष में इस स्कीम के जरिए निवेशक 1.5 लाख रुपये इसमें निवेश कर सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट में जमा किए गए पैसों पर निवेशकों को ब्याज हासिल होता है.
टैक्स सेविंग
फिलहाल पीपीएफ स्कीम पर 7.1 फीसदी का सालाना आधार पर कंपाउंडिंग ब्याज मुहैया करवाया जा रहा है. वहीं हर तीन महीने में पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की समीक्षा की जाती है और इसमें बदलाव भी संभव है. ऐसे में पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज स्थिर नहीं है. वहीं टैक्स बचाने के लिहाज से इस स्कीम में पैसा इंवेस्ट किया जा सकता है. इस स्कीम में पैसा लगाकर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचाया जा सकता है.
मैच्योरिटी अवधि
हालांकि इस स्कीम में जब भी इंवेस्टमेंट करना शुरू करें तो निवेशकों को एक अहम बात का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो पैसा अटक सकता है. दरअसल, पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी 15 साल की होती है. 15 साल के बाद ही पीपीएफ अकाउंट में जमा पैसा मिलता है. ऐसे में अगर कोई लंबी अवधि के लिए इस स्कीम में पैसा इंवेस्ट नहीं करना चाहता तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो पैसा अटक सकता है.
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