नई दिल्ली । आमतौर पर महिलाएं अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट इंप्लांट्स सर्जरी का विकल्प चुनती हैं। इस सर्जरी के जरिए ब्रेस्ट के साइज को बढ़ाया जाता है, लेकिन इससे उलट एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। देश में साल 2021 में 15 हजार महिलाओं ने भारी स्तनों को कम करने के लिए सर्जरी करवाई है। उधर 31 हजार 608 महिलाओं ने ब्रेस्ट इंप्लांट से अपने छोटे स्तनों के साइज को और बढ़ाया है। वहीं 11 हजार 520 महिलाओं ने ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी से अपने ढीले ब्रेस्ट को आकर्षक शेप दी है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय महिलाएं गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के कारण अपने भारी स्तनों को कम कराने के लिए मजूबर होती हैं।
31 साल की एक कॉरपोरेट वकील ने दिसंबर 2022 में अपने स्तनों के साइज को छोटा करवाने के लिए सर्जरी करवाई है। उनका कहना है कि भारी स्तनों की वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उनका आत्मविश्वास इस कदर कम हो गया था कि वह स्विमिंग पुल में तैरने भी तब जाती थी, जब वहां कोई नहीं होता था। भारी स्तनों की वजह से काफी असहज महूसस करती थीं। हालांकि, वह अकेली नहीं हैं।
ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी को मास्टोपेक्सी या ब्रेस्ट रीशेपिंग सर्जरी भी कहा जाता है। यह स्तनों के आकार को बदलने के लिए की जाने वाली एक शल्य प्रक्रिया है। ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी में अतिरिक्त त्वचा को हटा दिया जाता है और स्तन को ऊपर उठाने के लिए स्तन के ऊतकों को फिर से आकार दिया जाता है। ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी मुख्य रूप से ढीले स्तनों को कसने और उन्हें अधिक आकर्षक बनाने के लिए की जाती है।
नानावती अस्पताल, जुहू की प्लास्टिक सर्जन डॉ. देवयानी बर्वे ने मीडिया को बताया कि पिछले पांच सालों में मैंने अपनी प्रैक्टिस में ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी की तुलना में स्तनों को छोटा करने की सर्जरी दोगुनी की है। हिंदुजा अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. अनिल टिब्रेवाला ने कहा कि पिछले तीन सालों में ब्रेस्ट रिडक्शन सर्जरी और ब्रेस्ट लिफ्ट सर्जरी की डिमांड काफी बढ़ी है।
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