वंदे भारत ट्रेन की पहली महिला लोको पायलट बनी सुरेखा यादव

 सुरेखा यादव एक काफी चर्चित नाम बनकर सामने आयी है. अगर आप इनके बारे में नहीं जानते तो बता दें इन्हें एशिया की पहली महिला लोको पायलट की उपलब्धि मिल चुकी है.

इस उपाधि को इन्होने हाल में शुरू हुई सेमी-हाई स्पीड ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन का संचालन करके हासिल किया है. सेंट्रल रेलवे की ओर से इस बात की जानकारी दी गयी है. जानकारी के लिए बता दें सुरेखा यादव ने सोमवार को सोलापुर स्टेशन और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) के बीच इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन का संचालन किया. सेंट्रल रेलवे की ओर से इस बात की जानकारी देते हुए एक विज्ञप्ति जारी की गयी, विज्ञप्ति के अनुसार ट्रेन 13 मार्च को निर्धारित समय पर सोलापुर स्टेशन से रवाना हुई और आगमन के निर्धारित समय से पांच मिनट पहले CSMT स्टेशन पहुंची. विज्ञप्ति में कहा गया है कि 450 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने पर यादव को CSMT स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सम्मानित किया गया.

पीएम मोदी को कहा धन्यवाद

अपनी इस उपलब्धि पर बात करते हुए सुरेखा यादव ने बताया कि- मेरी पहली नियुक्ति साल 1989 में हुई थी. वहां से मैं अब वंदे भारत एक्सप्रेस में हूं. मुझे सभी का समर्थन मिला. मैं वंदे भारत एक्सप्रेस को मुंबई लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देती हूं.

1989 में बनी एशिया की पहली लोको पायलट

सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव ने साल 1989 में भारत ही नहीं बल्कि एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर की उपाधि हासिल की थी. सुरेखा ने 1989 में देश की पहली महिला ट्रेन चालक के रूप में जगह हासिल की. अगर आप नहीं जानते तो बता दें सुरेखा अप्रैल 2000 में पहली “लेडीज स्पेशल” को भी संभाल चुकी हैं और उनके इन्हीं कार्यों की वजह से उन्हें अब तक राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है.

 

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