सनातन धर्म में किसी भी कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखना बेहद जरूरी माना जाता है मान्यता है कि कार्यों को अगर शुभ समय या दिन पर किया जाए तो वह काम बिना बाधा के पूर्ण हो जाते है और इसका शुभ परिणाम भी जातक को मिलता है।
ऐसे में खरमास के दिनों को धार्मिक और ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान शुभ कार्यों को करने से पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है और इसके बुरे परिणाम भी झेलने पड़ते है। इस दौरान सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है, लेकिन खरमास के दिनों में कुछ नियमों का पालन करना और कुछ उपायों को अपनाना उत्तम होता है तो आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे है।
धार्मिक पंचांग के अनुसार 14 मार्च को सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर सूर्य मीन राशि में गोचर करेंगे और 15 मार्च तक इसी में विराजमान रहेंगे। ऐसे में इस अवधि को खरमास के तौर पर देखा जा रहा है इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना व उपाय करना लाभकारी होगा। मान्यता है कि खरमास के दिनों में शादी विवाह जैसे शुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए वरना नवविाहित जोड़े पर इसका बुरा प्रभाव होता है। साथ ही इस अवधि में नया मकान, गहने या गाड़ी की खरीदारी भी अच्छी नहीं मानी जाती है। साथ ही साथ खरमास में गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार, मुंडन और सगाई भी नहीं कनी चाहिए। ऐसा करना अच्छा नहीं होता है।
खरमास में करें ये आसान उपाय-
आपको बता दें कि खरमास के दिनों में देवी देवताओं की पूजा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन इनमें भगवान श्री सूर्यदेव की पूजा करना सबसे अधिक उत्तम होता है ऐसा करने से भक्तों को भाग्य और ऐश्वर्य का साथ मिलता है। तरक्की के मार्ग भी आसान हो जाते है। इस दौरान विष्णु पूजा भी उत्तम फल प्रदान करती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होने लगता है।
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