इंदौर । जीरा के बाजार में नई फसल आने के बाद भी फिलहाल नरमी नहीं आ रही। स्थानीय कारोबारी स्टाकिस्ट द्वारा माल हाथ में रखने और दाम बढ़ाने की शिकायत कर रहे हैं। दरअसल गुजरात में चालू सीजन 2022-23 में जीरा की बोवनी घटकर 2.92 हेक्टेयर में होने के ताजा अनुमान मिले हैं। जबकि गत साल बोनी 3.07 हेक्टर में हुई थी और उत्पादन 2.47 लाख टन हुआ था। दूसरी ओर कई एजेंसियों का जीरे के मामले में राजस्थान से गुजरात के उलट अनुमान है। एजेंसियों के अनुसार राजस्थान में जीरा की बोनी गत साल की तुलना में इस साल थोड़ी ज्यादा हुई है। हालांकि राजस्थान की फसल में शुरुआती सीजन में गर्मी के कारन जर्मिनेशन और बाद में मौसम प्रतिकूल होने से उत्पादन घटने का अनुमान है। इसलिए चालू सीजन में जीरा का कुल उत्पादन गत साल की तुलना में कम ही होगा कुल उत्पादन चार लाख टन होने का अनुमान है। दरअसल जीरा में बीते वर्ष दीवाली के आसपास तेजी का दौर शुरू हुआ था। जो अब तक बरकरार है। इससे कारोबारियों में संशय है। चालू माह मार्च के पहले हफ्ते में राजस्थान और गुजरात के जीरा उत्पादक विस्तारों में बारिश से फसल को नुकसान भी हुआ है, इस प्रकार जीरा में एक के बाद एक तेजी के नए कारण सामने आ रहे है। दूसरी ओर जीरा का ओल्ड स्टाक भी इस बार कम है।
इस साल जीरा की कुल उपलब्धि चालू साल की घरेलू और निर्यात मांग को पूरा करने हेतु पर्याप्त नहीं है। कुछ अनुभवी बोल रहे हैं की मार्च से अप्रैल माह के दौरान जीरा की भरपूर आवक के समय उंझा में जीरा का बाटम भाव 275 रुपये प्रति किलो से 305रु क्वालिटी अनुसार रहने की संभावना है। राजस्थान में जीरा की आवक होली के बाद अच्छी मात्रा में आएगी, इसलिए कच्छ, गुजरात और राजस्थान की आवक के दबाव से जीरा के भाव में जो कमी आना होगी वह मार्च महीने में हो जाएगी। दूसरा 31 मार्च को वित्तीय वर्ष पूरा होने से अनेक मंडियां 25 से 31 मार्च तक बंद रहेंगी। व्यापारियों द्वारा किताबों में बैलेंस बराबर करने से 17-18 मार्च से 25 मार्च के दौरान जीरा लेवाली का जोर शायद घट सकता है। इसलिए यदि 15 मार्च के बाद जीरा के भाव में अच्छी गिरावट आई तो 15 मार्च से 25 मार्च के दौरान घटे भाव पर जीरा खरीदने का सुनहरा अवसर होगा, क्योंकि एक अप्रैल से अच्छी ग्राहकी शुरू हो जाएगी। ध्यान रहे इस समय पूरी दुनिया में जीरा किसी भी देश के पास नहीं है कारन जीरा के बाकी उत्पादक देशो में नयी फसल जुलाई 2023 में आएगी।
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