जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच नई तकनीक और रिसर्च तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 94वीं सालाना आम बैठक में इस बार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि इंडियन इकोनॉमी की रीढ़ है, इस क्षेत्र को अधिक विकसित किया जाना चाहिए.
ICAR के वैज्ञानिकों के योगदान को सराहा
तोमर ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां आज हमारे सामने हैं. प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की खड़ी फसल को होने वाले नुकसान की चुनौती का भी हम सामना कर रहे हैं. नये भारत में हमें नई तकनीक और शोध को सभी किसानों तक पहुंचना है.’ एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में आईसीएआर (ICAR) के वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना की। साथ ही कहा कि 2047 तक नया भारत बनाने के लिए और अधिक शोध प्रयासों की जरूरत है.
अब तक 49 सीओई को मंजूरी दी
दूसरी तरफ कृषि मंत्रालय की तरफ से यह भी कहा गया कि ड्रैगन फ्रूट, आम, सब्जियों और फूलों के लिए बेंगलुरु, जयपुर और गोवा में तीन उत्कृष्टता केंद्र (COI) स्थापित किए जाएंगे. एक बयान के अनुसार, ‘मंत्रालय ने अब तक 49 सीओई को मंजूरी दी है, जिनमें से तीन को बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (MIDH) के अंतर्गत 9 मार्च, 2023 को मंजूरी दी गई.’
कमलम (ड्रैगन फ्रूट) के लिए एक सीओई भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित हीरेहल्ली परीक्षण केंद्र में स्थापित किया जाएगा. आम और सब्जियों के लिए दूसरा सीओई भारत-इजरायल कार्य योजना के तहत ओडिशा के जाजपुर जिला में स्थापित किया जाएगा. सब्जियों और फूलों के लिए तीसरा सीओई भारत-इजरायल कार्य योजना के तहत दक्षिणी गोवा के पोंडा में एक सरकारी कृषि फार्म में स्थापित किया जाएगा.
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