दिल्ली | देश की राजधानी दिल्ली में मां-बेटी छत पर थीं। इसी दौरान बंदर आ गया। बंदर के गुर्राने से मां-बेटी भागीं तो वो सीढ़ियों से गिर गईं। दर्दनाक हादसे में बच्ची की मौत हो गई।
दिल्ली के संगम विहार से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक घर की छत पर अचानक बंदर आ गया और मां-बेटी पर गुर्राने लगा। बेटी को गोद में लेकर मां बंदर से बचने के लिए भागी, लेकिन सीढ़ियों से गिर गई। इससे मां बबीता देवी और बेटी मुस्कान (6) गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने मुस्कान को मृत घोषित कर दिया।
बढ़ई विनोद की का परिवार एच-16/1948 संगम विहार में रहता है। पत्नी रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे छत पर मुस्कान के साथ थी। छत पर अचानक बंदर आ गया। बबीता ने उसे भगाने की कोशिश की तो वह गुर्राने लगा। इससे बबीता देवी डर गई और मुस्कान को लेकर भागी। मुस्कान सीढ़ियों से गिरने लगी तो बबीता ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन दोनों संतुलन नहीं बना पाए और गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिजन दोनों को जामिया हमदर्द ले गए, जहां डॉक्टरों ने मुस्कान को मृत घोषित कर दिया। मुस्कान के सिर में काफी चोटें आई थीं। बबीता का इलाज कर उसे अब घर भेज दिया गया है। सूचना मिलने पर संगम विहार थानाध्यक्ष सरोज तिवारी की देखरेख में एएसआई सुनील की टीम ने जांच की शुरू की।
जांच में पता चला कि बंदर को देखकर मां-बेटी भागी और गिरने से हादसा हो गया। हालांकि, शुरू में कहा जा रहा था कि बंदर से बचने के लिए बबीता व मुस्कान पहली मंजिल से नीचे कूद गए थे। पुलिस ने मुस्कान के शव का पोस्टमार्टम कराकर सोमवार को परिजनों को सौंप दिया है।
पापा दीदी कहां चली गई, बुला दो…
पापा दीदी कहां चली गई, दीदी को बुला दो… मासूम मुस्कान का छोटा भाई मोहित जब भी अपने पिता से यह सवाल कर रहा था तो पिता विनोद के आंसू बह रहे थे। मुस्कान की मां बबीता का भी यही हाल था। इस बार मुस्कान ने होली पर बड़ी पिचकारी की मांग की थी। विनोद रोते-रोते बस यही कह रहे थे, ‘बस एक बार आजा तुमको बड़का पिचकारी दिलाएंगे।’
इकलौती बेटी की मौत ने विनोद और पत्नी बबीता को बुरी तरह तोड़ दिया है। बबीता को रोते-रोते बेहोश हो रही थी। परिजन उसे संभालने की कोशिश कर रहे थे। मूलरूप से बिहार के बेगूसराय निवासी विनोद ने बताया कि वर्ष 2015 में शादी हुई थी। एक साल बाद मुस्कान पैदा हुई। बेटी के पैदा होने के बाद विनोद का काम भी ठीक चलने लगा।
बाद में दंपती के यहां दो बेटे मोहित और हिमांशु ने भी जन्म लिया। मोहित फिलहाल साढ़े चार साल, जबकि हिमांशु साढ़े तीन साल का है। मुस्कान पास के एक पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा की छात्रा थी। हादसे के समय वह अपने काम पर था। उसके पास पड़ोसी का कॉल आया। उसने बताया कि भाभी और मुस्कान को चोट लग गई है।
उसके पहुंचने से पहले ही पड़ोसी बल्लू और गीता देवी मां-बेटी को मजीदिया अस्पताल ले जा चुके थे। अस्पताल पहुंचने पर बेटी की मौत का पता चला। दक्षिणपुरी के श्मशान घाट पर बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया।
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