नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बिहार इकाई के नेताओं ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दर्ज मामलों में एक ‘स्वतंत्र एजेंसी के रूप में ‘अपना काम कर रही है और लालू ने जो बोया था, वहीं वहां आज काट रहे हैं। भाजपा नेताओं ने रेलवे में नौकरी के बदले भूखंड मामले में ‘आगे की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित आवास पर पहुंचने के बारे में पूछे सवाल के जवाब में यह बात कही। सीबीआई अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि टीम रेलवे में नौकरी के बदले भूखंड मामले में ‘आगे की जांच के सिलसिले में राबड़ी के आवास पर पहुंची है और वहां कोई तलाशी या छापेमारी नहीं हो रही है। यह मामला लालू के यूपीए की पहली सरकार (संप्रग-1) में केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान का है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मंत्री नितिन नबीन ने कहा, लालू का सीबीआई से लंबे समय से पाला पड़ता आया है। चारा घोटाला से जुड़े मामले, जिनमें उन्हें दोषी ठहराया गया है, भाजपा के सत्ता में आने से बहुत पहले दर्ज हुए थे। उन्होंने कहा, चारा घोटाला से जुड़े मामले तब दर्ज किए गए थे, जब केंद्र में यूपीए का शासन था, जिसका लालू खुद एक हिस्सा थे। शिकायतकर्ताओं में शिवानंद तिवारी और राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन शामिल थे। तिवारी जहां अब लालू की पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, वहीं राजीव रंजन राजद की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रमुख हैं। भाजपा के एक अन्य नेता और पूर्व मंत्री जिबेश कुमार मिश्रा ने कहा, लालू प्रसाद को पहली बार 2013 में चारा घोटाले के मामले में दोषी ठहराया गया था। तब मनमोहन सरकार थी, जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल थी।
मिश्रा ने कहा, सीबीआई एक स्वतंत्र एजेंसी है। वह अपना काम कर रही है। राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप निराधार हैं। लालू और उनका परिवार वहीं काट रहा है, जो उन्होंने बोया है। जैसी करनी वैसी भरनी।
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