नोएडा, सेंट्रल ड्रग रेगुलेटर ने नोएडा स्थित फार्मास्युटिकल फर्म मैरियन बायोटेक के लाइसेंस को रद्द करने की सिफारिश की है। इस फार्मास्युटिकल फर्म की खांसी की दवाई को उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत से जोड़ा गया है। अधिकारियों से राज्य और केंद्र ने शनिवार को कहा कि एक विश्लेषण के बाद पाया गया कि इसके उत्पाद गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं। नाम न छापने की शर्त पर केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि फर्म नियामक दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही थी। गौतम बौद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट को बताया कि राज्य दवा नियंत्रण विभाग सीडीएससीओ ने कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि हम कागजी कार्रवाई की समीक्षा कर रहे हैं और प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि जांच में पाया गया है कि मैरियन बायोटेक की निर्माण पद्धति त्रुटिपूर्ण थी, जबकि वे भारतीय बाजार में अपनी दवाओं की आपूर्ति नहीं करते हैं, उन्हें अपने उत्पादों को उन देशों से वापस मंगाना होगा, जहां उनका संचालन हैय राज्य प्रवर्तन एजेंसियों ने पहले ही लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की ओर से दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर फार्मास्युटिकल फर्म के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने मिलावटी दवाओं के निर्माण और बिक्री के आरोप में इन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
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