बीजिंग । विस्तारवादी नीति वाला चीन अब तेजी से तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ा रहा है। हाल ही में जारी में एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है, कि तकनीक के मामले में चीन ने पश्चिम की कई लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह चीन ने भविष्य की ऐसी तकनीकों के लिए भी खुद को तैयार किया है, जो अभी अस्तित्व में ही नहीं हैं।
ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा हुआ है, कि चीन ने 44 अहम तकनीकों में से 37 में आगे है। इतना ही नहीं चीन ने साइंटिफिक और रिसर्च की सफलताओं के मामले में भी कई पश्चिमी देशों को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन दुनिया में तकनीक महाशक्ति बनने की दम रखता है।
चीन का रक्षा, अंतरिक्ष, रोबोटिक्स, ऊर्जा, पर्यावरण, बायोटेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, एडवांस्ड मटेरियल और की क्वांटम क्षेत्र में दबदबा है। इनके अलावा चीन ड्रोन, मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रिक बैटरी, न्यूक्लियर एनर्जी, फोटोवोल्टैक्स, क्वांटम सेंसर्स समेत कई क्षेत्रों में काफी आगे है। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि कुछ क्षेत्रों में तो चीन की ताकत का आलम यह है कि दुनिया कि सभी शीर्ष 10 संस्थाएं चीन में ही हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका केवल 7 अहम तकनीकों में आगे है। साथ ही ब्रिटेन और भारत भी 44 में से 29 तकनीकों के मामले में शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं। दक्षिण कोरिया के मामले में यह आंकड़ा 20 और जर्मनी 17 है। चीन की इस तरह बढ़ती ताकत लोकतांत्रिक देशों के लिए घंटी हो सकता है। रिसर्च में चीन की बेहतर होती स्थिति का मतलब है कि उसने लगभग सभी क्षेत्रों की मौजूदा तकनीकों में खुद को न केवल मजबूत बना लिया है, बल्कि भविष्य की उन तकनीकों में भी आगे है, जो अभी वजूद में ही नहीं हैं।
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