मुंबई । कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने गुरुवार को महाराष्ट्र के कस्बा पेठ उपचुनाव में जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी अपने गढ़ पुणे की कस्बा पेठ सीट को बरकरार रखने में विफल रही और भाजपा उम्मीदवार हेमंत रसाने को हार का सामना करना पड़ा। कस्बा पेठ सीट पर भाजपा 28 साल से जीत दर्ज करती आई थी। पुणे से भाजपा सांसद गिरीश बापट ने 2019 तक पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के समर्थन वाले उम्मीदवार धंगेकर ने भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की।
कस्बा पेठ में कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले साल जून में राज्य सरकार बदलने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और विरोधी एमवीए के बीच यह पहली सीधी टक्कर थी। साल 1995 के बाद भाजपा को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा है। जीत के बाद धंगेकर ने कहा कि जिस दिन भाजपा को मेरे खिलाफ प्रचार करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के अलावा 40 स्टार प्रचारकों की फौज उतारी थी और प्रचार के लिए देवेंद्र को नीचे उतरना पड़ा, तब मैंने उसी समय चुनाव जीत लिया था। उन्होंने कहा, यह जनता की जीत है। जिस दिन मैंने नामांकन पत्र भरा, उसी दिन कस्बा पेठ क्षेत्र की जनता ने मुझे जिताने का फैसला कर लिया था। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जीत से खुशी की लहर है।
कसबा सीट से चुनाव हारने के बाद बीजेपी प्रत्याशी रसाने ने भी अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, मैं प्रत्याशी के तौर पर पिछड़ गया।
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