ताइपे । ताइवान के विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि चीन ने बुधवार सुबह द्वीप राष्ट्र की ओर 25 लड़ाकू विमान और तीन युद्धपोत भेज दिए। मंत्रालय ने कहा कि 25 में से 19 विमान ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुस गए, जबकि जहाजों की आवाजाही ताइवान स्ट्रेट में जारी थी। ताइवान का दावा है कि उसने लड़ाकू विमानों को खदेड़ने, जहाज भेजने और तटीय मिसाइल रक्षा प्रणालियों को ‘निगरानी करने और जवाब देने’ के लिए सक्रिय किया। ताइवान के सबसे बड़े समर्थक अमेरिका और चीन के बीच ताइवान को लेकर तनाव चल रहा है।
गौरतलब है कि चीन इस तरह की घटनाओं को नियमित रूप से अंजाम देता है, जिसे ‘ग्रे जोन’ रणनीति कहा जाता है। इसका मकसद डराना और ताइवान के उपकरणों का बेवजह इस्तेमाल कराना और सार्वजनिक रूप से उनका मनोबल तोड़ना है। ताइवान ने एफ-16 लड़ाकू विमान के अपने बेड़े को उन्नत करके, अमेरिका को 66 और विमान का ऑर्डर देकर, अन्य हथियारों की एक श्रृंखला की खरीद करते हुए और सभी पुरुषों के लिए सैन्य सेवा की अपनी अनिवार्य अवधि को चार महीने से एक वर्ष तक बढ़ाकर जवाबी कार्रवाई के लिए खुद को तैयार किया है।
हालांकि लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की संवेदनशील मध्य रेखा को पार नहीं किया। जो पहले दोनों पक्षों के बीच एक अनौपचारिक बाधा के रूप में कार्य करता था, लेकिन पिछले अगस्त में ताइवान के पास युद्ध अभ्यास के बाद से चीन की वायु सेना लगभग दैनिक आधार पर उड़ान भर रही है। फिलहाल कोई भी गोलाबारी नहीं हुई है।
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