अवैध कालोनी विकसित करने वालों पर होगी कार्यवाही या फिर प्रशासन करेगा माफ
राष्ट्र चंडिका,नरसिंहपुर l अमर नोरिया / विगत वर्ष 2011 में नगर की एक निजी कालोनी में तत्कालीन कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा जनभागीदारी की राशि स्वीकृत किये जाने के मामले की शिकायत लोकायुक्त में होने व उस पर जांच कार्यवाही के बाद प्रशासनिक अधिकारियों व कालोनाइजर के गठजोड़ की बर्फ कुछ दिन नहीं जम पाई थी,किन्तु उक्त प्रकरण के बाद प्रशासनिक अधिकारियों व कालोनाइजर के बीच समन्वय के चलते नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि का डायवर्सन कर छोटे छोटे प्लाटों में बेचकर कालोनी विकसित करने की प्रक्रिया वर्ष 2014-15 से फिर जोर पकड़ चुकी नतीजा सूचना के अधिकार के तहत वैध अवैध कालोनी की जो जानकारी सामने आई उसमें नरसिंहपुर नगरपालिका सीमा व उससे लगे क्षेत्र में 59 कालोनी अवैध कालोनी के रूप में सामने आई । गत दिनों कालोनी काटने वालों पर हुई कार्यवाही को लेकर एकजुट हुए लोगों ने कलेक्टर नरसिंहपुर को जनसुनवाई के माध्यम से दिये आवेदन में मांग की गई कि शहर के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना काल की परिस्थितियों से उपजे हालात के चलते वे अपनी कृषि भूमि को टुकड़ों में विक्रय करने मजबूर हुए ,प्रशासन स्तर की कार्यवाही के चले आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद जनसुनवाई के माध्यम से कलेक्टर नरसिंहपुर को दिये गये आवेदन में लगभग एक दर्जन कृषि भूमि विक्रेताओं ने मांग की है कि उनके द्वारा जो भूमि विक्रय की गई थी,उसपर उन्होंने मूलभूत सुविधाएं दी हैं एवं इससे सम्बंधित कोई भी शिकायत आम नागरिक व क्रेताओं द्वारा शासन प्रशासन से नहीं की गई है । अतः उन लोगों पर अनुविभागीय अधिकारी व अपर कलेक्टर के द्वारा जो कार्यवाही की गई है वह विधि प्रक्रिया बिना साक्ष्य का अवसर दिये की गई है उक्त कार्यवाही केवल नरसिंहपुर जिले में की जा रही है अन्य जिलों में विकास शुल्क की राशि जमा कर कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया है । उक्त सभी ने जानकारी के अभाव व मजबूरी एवं कर्ज अदायगी हेतु अपनी भूमि का विक्रय किया और जानकारी के अभाव के चलते ही विकास शुल्क की राशि अदा नहीं करने का कार्य किया किन्तु अब उक्त विकास शुल्क की राशि सभी लोग जमा करने तैयार हैं और विधि अनुसार विकास शुल्क की राशि जमा करने के निर्देश देकर जो कार्यवाही की जा रही है उसको समाप्त किये जाने की मांग की है अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस मामले में एफआईआर तक के निर्देश जारी कर चुका है वह इस मामले में आगे कार्यवाही करता है या फिर उन सभी भूमि विक्रय करने वालों की मांग पर विचार कर उन्हें माफी देता है यह आनेवाले समय मे देखने वाली बात होगी । जनसुनवाई में आवेदन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से ज्ञानी स्वामी,सुरेंद्र जैन, श्रीकांत मिश्रा, सूरज यादव,विजय मुदगल, योगेश पटैल, गुड्डू मालगुजार सहित अन्य लोग उपस्थित थे ।