नई दिल्ली. इस साल फरवरी का महीना बहुत ज्यादा गर्मी के साथ खत्म हो रहा है. संभवतः यह आंकड़ों में सबसे गर्म फरवरी में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा. आने वाला मार्च का महीना भी इससे कुछ कम गर्म होने वाला नहीं है.
जबकि अप्रैल, मई और जून के महीनों में गर्मी (Heat) के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की उम्मीद है. आने वाले वक्त में गर्मी किस चरम हद तक जा सकती है, इसका नमूना अभी से सामने आने लगा है. दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और गुजरात, महाराष्ट्र और केरल के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 35-37 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) के मुताबिक पंजाब, हरियाणा दिल्ली, यूपी और राजस्थान के कई हिस्सों में तापमान 30-32 डिग्री सेल्सियस के दायरे में है.
सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम विभाग के मुताबिक सर्दियों के महीनों में उत्तर भारत में हमेशा बारिश कम होती है. मगर इस बार तो पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को कवर करने वाले मैदानी इलाकों के बड़े हिस्से में वास्तव में सूखा पड़ा था. बारिश के लिए सबसे खराब महीना फरवरी था. किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ से यहां ढंग की बारिश नहीं हुई. कम बारिश के कारण पारा तेजी से रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया, जो कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ी चेतावनी है.
पिछले साल जनवरी के महीने में पूरे उत्तर भारत में झमाझम बारिश हुई थी. वहीं ये इलाका इस साल साफ तौर पर सूखे का शिकार रहा. जो भी बारिश हुई, वो काफी हल्की थी. अब बिना ज्यादा राहत के गर्मी अगले महीने भी बने रहने की संभावना है. बहरहाल एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 3 दिनों में पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. इसको छोड़कर सूखे और गर्मी के हालात बने रहेंगे. 28 फरवरी से 2 मार्च के दौरान कश्मीर घाटी और हिमाचल प्रदेश जैसे पश्चिमी हिमालयी इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी के साथ ही बिजली गिरने की भी संभावना है. कुछ जगहों पर ओले भी गिर सकते हैं.
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