चंडीगढ़(Chandigarh).दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया(Manish Sisodia arrest) की ‘दिल्ली लिकर पॉलिसी’ में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और फिर 5 दिनों की रिमांड ने ‘आम आदमी पार्टी’ में टेंशन बढ़ा दी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह सहित भाजपा नेताओं पर राज्य में ‘राज्यपाल शासन-governor rule’ लगवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। मान ने सोमवार(27 फरवरी) को कहा कि लोग जानते हैं कि ये नेता हमेशा ‘पंजाब विरोधी’ रहे हैं।
इधर, बता दें कि गिरफ्तारी के विरोध में सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस से मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर सीजेआई ने उन्हें हाईकोर्ट जाने या दूसरे कानूनी विकल्प तलाशने को कहा था। हालांकि बाद में चीफ जस्टिस ने थोड़ी देर में सुनवाई की बात कही।
पढ़िए और क्या बोले पंजाब के सीएम भगवंत मान?
दरअसल, मान के नेतृत्व वाली AAP सरकार विपक्ष के निशाने पर है, जो राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का आरोप लगा रही है। मुख्यमंत्री की राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से भी अनबन चल रही है।
पिछले हफ्ते राज्यपाल ने यह संकेत दिया कि उन्हें विधानसभा के बजट सत्र को बुलाने की कोई जल्दी नहीं है। यही नहीं, जब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को राजभवन के एक पत्र पर उनकी अपमानजनक प्रतिक्रिया के बारे में याद दिलाया, तो मामला और बिगड़ गया। मुख्यमंत्री मान को पुरोहित का यह पत्र पंजाब कैबिनेट द्वारा 3 मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने का फैसला करने और राज्यपाल से सदन बुलाने का अनुरोध करने के दो दिन बाद आया था।
मान ने किया tweet
मान ने एक tweet में कहा-“कैप्टन अमरिंदर सिंह, केवल ढिल्लों, बलबीर सिंह सिद्धू, फतेह जंग बाजवा, राज कुमार वेरका, गुरप्रीत कांगड़, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी…भाजपा में शामिल सभी कांग्रेसी इन दिनों अक्सर राज्यपाल के आवास के आसपास देखे जा सकते हैं। वे पंजाब में राज्यपाल शासन की बात कर रहे हैं। पंजाब के लोग जानते हैं कि वे हमेशा पंजाब विरोधी रहे हैं।”
आप सांसद राघव चड्ढा ने रविवार(26 फरवरी) को कहा था कि पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, क्योंकि राज्यपाल विधानसभा का बजट सत्र बुलाने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले का जवाब नहीं दे रहे हैं।
इस बीच, पंजाब भाजपा नेता फतेह जंग बाजवा ने राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर आप सरकार पर हमला बोलते हुए पंजाब में राज्यपाल शासन की मांग की है। बाजवा ने 27 फरवरी को चंडीगढ़ में कहा, “हमारी पार्टी वर्तमान स्थिति पर विचार करते हुए मांग करती है कि पंजाब में राज्यपाल शासन लगाया जाना चाहिए।” उन्होंने आप पर राज्य को चलाने में सक्षम नहीं होने का आरोप लगाया।
विपक्ष ने लगाए कई गंभीर आरोप
फतेह जंग बाजवा ने कहा कि राज्य सरकार दूसरे राज्यों से निवेश आकर्षित करने की बात कर रही है, लेकिन इस समय की कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, मौजूदा इंडस्ट्रीज के भी छोड़ने का डर है।
इस बीच, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आप सरकार पर हमला बोला। बादल ने एक बयान में कहा, “आज के पंजाब में कोई भी सुरक्षित नहीं है।”
अमृतपाल के मुद्दे पर घिरी AAP
सुखबीर सिंह बादल ने कहा-“पुलिस बल को AAP प्रशासन द्वारा बोतलबंद कर दिया गया है। जैसा कि हाल ही में अमृतपाल सिंह के नेतृत्व में कट्टरपंथियों द्वारा अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के दौरान देखा गया था। राज्य पुलिस का मनोबल गिराया है और समस्या को बढ़ाया है।”
पंजाब के भाजपा नेता सुभाष शर्मा ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को CBI द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए AAP की आलोचना की। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी सबूत के आधार पर की गई थी।
एसएडी नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने मांग की कि दिल्ली आबकारी नीति मामले की सीबीआई जांच को पंजाब तक बढ़ाया जाए। उन्होंने दावा किया गया कि सिसोदिया पंजाब आबकारी नीति के आर्किटेक्ट भी थे, जिसने राज्य के खजाने को सैकड़ों करोड़ का नुकसान पहुंचाया है।
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