नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थय मंत्रालय ने दवाओं की गुणवत्ता और बेहतर उत्पादन के लिए अलग-अलग विशेषज्ञों को बुलाया है। हैदराबाद में होने वाले दो दिवसीय चिंतन शिविर में देश के बड़े डॉक्टर समेत फार्मा कंपनी के लोगों को भी आमंत्रित किया है। मुताबिक, इस शिविर का महत्व इसीलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि हाल के दिनों में दवाओं को लेकर भारत की विश्व परिवेश में काफी सवाल खड़े हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 26 और 27 फरवरी 2022 को हैदराबाद में “ड्रग्स: गुणवत्ता विनियमन और प्रवर्तन” पर दो दिवसीय “चिंतन शिविर” का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया चिंतन शिविर की अध्यक्षता करेंगे। दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य देश में दवाओं की गुणवत्ता और प्रवर्तन से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों की प्रक्रियाओं और कार्यान्वयन की समीक्षा करना है। बैठक भारतीय दवा मानकों, राज्यों और केंद्र में नियामक क्षमताओं की भविष्यवाणी, पारदर्शिता और अनुपालन की समीक्षा करके व्यापार करने में आसानी की सुविधा के तरीकों और साधनों की भी सिफारिश करेगी। प्रतिभागी वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, डिजिटल उपकरणों, नैदानिक परीक्षण मानकों जैसे नए हस्तक्षेपों की शुरुआत पर भी चर्चा करेंगे और बदले में आम नागरिकों के लाभ के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण बनाने की दिशा में प्रोत्साहन देंगे। केंद्रीय सचिव (स्वास्थ्य), सचिव (आयुष), सचिव (फार्मास्यूटिकल्स), डीजीएचएस सहित वरिष्ठ अधिकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, एनपीपीए, सीडीएससीओ, एनआईबी, भारतीय फार्माकोपिया आयोग, एनआईपीईआर, राज्य के पदाधिकारियों और एसीएस/प्रधान सचिव सहित अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। दो दिवसीय विचार-मंथन सम्मेलन में उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम का स्थान शांति वनम, हैदराबाद होगा।
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