भोपाल । सागर में अत्याधुनिक नए केंद्रीय जेल का निर्माण कराया जा रहा है। जेल बनाने के लिए िचतौरा के पास 200 एकड़ जमीन चिंहित की गई है। सर्वसुविधाओं से लैस केंद्रीय जेल 250 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। साधिकार समिति की बैठक में सागर की केंद्रीय जेल को पुनरावृत्तिकरण योजना के तहत अनुमोदन प्राप्त हुआ।
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की पुनरावृत्तिकरण योजना के तहत सागर स्थित केंद्रीय जेल को सागर शहर से बाहर स्थापित करने की तैयारी है। जिसके तहत जेल निर्माण के लिए हाउसिंग बोर्ड द्वारा 5000 बंदियों के लिए 200 एकड़ जमीन ग्राम चितौरा के पास चयनित की गई है। केंद्रीय जेल का निर्माण कार्य 250 करोड़ रुपए की लागत से होगा।
गोपालगंज में वर्ष 1843 में बनी थी केंद्रीय जेल
सागर केंद्रीय जेल का निर्माण वर्ष 1843 में हुआ था। वर्तमान में जेल में कैदियों की क्षमता 894 है। जबकि जेल में 1800 से अधिक कैदी बंद हैं। लेकिन नए केंद्रीय जेल का निर्माण होने पर उसमें कैदियों के निरुद्ध रहने की क्षमता 5 हजार होगी। 180 साल पुरानी केंद्रीय जेल वर्तमान तहसीली और गोपालगंज के बीच शहर के बीचोबीच स्थित है। 40 एकड़ में फैली जेल के विस्तार के लिए अब यहां जमीन नहीं है। जबकि जेल में कैदियों की संख्या बढ़ी है। जिसे देखते हुए केंद्रीय जेल को शहर से बाहर शिफ्ट कर सर्वसुविधायुक्त नई जेल का निर्माण कराया जा रहा है।
जेल में 100 बिस्तर का अस्पताल और वाच टावर होंगे
चितौरा में बनने वाली आधुनिक सुविधाओं से लैस केंद्रीय जेल में प्रशिक्षण केंद्र, आधुनिक मुलाकात कक्ष, सब्जी कोल्ड स्टोरेज, आधुनिक मॉड्यूलर किचन, जेल के अंदर आवासीय परिसर में पार्क, जेल के चारों तरफ वॉच टावर, परिसर में गौशाला, पुस्तकालय का निर्माण, 5000 बंदियों के लिए बैरक, कार्यालय और अन्य भवन, जेल की हाईटेक सुरक्षित बाउंड्रीवाल, परिसर में ही 100 बिस्तर का अस्पताल भवन, फायर फाइटिंग, फायर कंडीशन आदि सुविधाएं रहेंगी। कलेक्टर आर्य ने बताया कि जेल परिसर में 234 विभिन्न श्रेणियों के आवासग्रहों का भी निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय जेल परिसर में ही वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, कंट्रोल रूम, सभाकक्ष, सीसीटीवी कैमरों से युक्त होगा। विद्युतीकरण सबस्टेशन फीडर, स्पोट्र्स ग्राउंड की भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
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