नई दिल्ली । जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 25-26 फरवरी तक भारत की यात्रा के लिए शनिवार को नई दिल्ली पहुंचे। जर्मन चांसलर स्कोल्ज के साथ वरिष्ठ अधिकारी और एक उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी आया है। 2011 में दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) तंत्र की शुरुआत के बाद से किसी भी जर्मन चांसलर द्वारा पहली स्टैंडअलोन यात्रा है। जर्मन चांसलर स्कोल्ज ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वहीं इसके पहले शोल्ज का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर मौजूद थे।
मोदी-शोल्ज वार्ता के व्यापक एजेंडे से जुड़े लोगों ने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को प्रमुखता से उठाए जाने की उम्मीद है। स्कोल्ज ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ यूक्रेन पर रूस के युद्ध पर उस समय में चर्चा करने की योजना बनाई है जब यूरोप और उसके सहयोगी क्रेमलिन पर आर्थिक दबाव बनाए रखने और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अलग-थलग करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी साझा मूल्यों, विश्वास और आपसी समझ पर आधारित है। मजबूत निवेश और व्यापार संबंध, हरित और सतत विकास के क्षेत्रों में सहयोग और लोगों से लोगों के बढ़ते संबंधों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है।
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