शहडोल । जिले में अंधविश्वास के चक्कर में इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागने का एक और मामला सामने आया है। बीमारी से पीड़ित बच्चे को स्वजनों ने होने गर्म सलाखों से दगवा दिया उसके बाद जब हालत बिगड़ी दो मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जिंदगी मौत के बीच लड़ रहे बालक की हालत बिगड़ने पर शुक्रवार की देर शाम जबलपुर रेफर कर दिया गया है। बालक का 15 दिन से तक मेडिकल कालेज शहडोल में इलाज चला, लेकिन लगातार हालत बिगड़ने पर डाक्टरों ने मेडिकल कालेज जबलपुर के लिए रेफर कर दिया है। जानकारी के अनुसार, बम्हौरी बंडी धनपुरी क्षेत्र के देवांश कोल को निमोनिया था। गांव में पर्याप्त इलाज न मिल पाने पर परिजनों ने बालक को गर्म सलाखों से दगवा दिया था। दगने के बाद दो माह के बालक की हालत और बिगड़ गई। इसके बाद सिंहपुर अस्पताल ले जाया गया था। वहां से डाक्टरों ने मेडिकल कालेज शहडोल रेफर कर दिया था। यहां एसएनसीयू में डाक्टरों की टीम इलाज कर रही थी। 15 दिन तक इलाज के बावजूद सुधार नहीं हुआ तो जबलपुर रेफर किया गया है। डाक्टरों के अनुसार, दागने से संक्रमण के साथ ही बच्चे के यूरिन में समस्या थी।इसके साथ ही केस संदिग्ध था। हालत में सुधार न आने पर मेडिकल कालेज जबलपुर के लिए रेफर किया गया है। मालूम हो कि जिले में लगातार मिले आंकने के मामले के बाद जागरूकता अभियान चलाया गया और घर- घर जाकर बीमार बच्चों को चिन्हित करके उपचार दिया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. आर एस पांडे ने बताया कि जिले में अब दगना के नए मामले नहीं मिल रहे हैं। बीमार बच्चों को चिन्हित करके उपचार दिया जा रहा है। यह बच्चा पहले ही मिला था जिसका उपचार चल रहा होगा। लोगों को जागरूक करने के साथ छोटे बच्चों को चिन्हित करके स्वास्थ्य विभाग की टीम उपचार दे रही है।
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