भोपाल । प्रदेश के किसी गांव में यदि आप अपना मकान बनाने की तैयारी कर रहे हैं तो अब इसके लिए आपको निकायों की तरह पंचायत से भवन अनुज्ञा लेनी होगी। इसके लिए पंचायत में निर्धारित दस्तावेज और शुल्क का भुगतान करना होगा। भवन अनुज्ञा जारी करने का अधिकार ग्रामीम यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी को होगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए नियम जारी कर दिए हैं। लोगों से 30 दिनों में इस पर दावे और आपत्तियां मांगी गई हैं। दावे आपत्तियों के निराकरण के बाद इसे लागू किया जाएगा।
बिना अनुमति नहीं होगा निर्माण
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों में भवन अनुज्ञा को अनिवार्य किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में बिना ग्राम पंचायत की अनुमति के भवन का निर्माण, पुन: निर्माण नहीं किया जा सकेगा। हालांकि 125 वर्ग मीटर यानी 1345 स्क्वाएर फीट भूमि पर मिट्टी या स्थानीय सामाग्री से बनने वाले मकानों के लिए भवन अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होगी। भवन निर्माण की अनुमति के लिए संबंधित व्यक्ति को निर्धारित दस्तावेज, मकान का नक्शा और निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा। आवेदन जमा करने के 30 दिन के अंदर यदि ग्राम पंचायत इस पर विचार नहीं करती, तो समझा जाएगा कि भवन अनुज्ञा जारी कर दी गई है।
इतना देना होगा शुल्क
गांवों में भवन अनुज्ञा के लिए शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। यदि आप 800 स्क्वायर फीट से 1300 स्क्वायर फीट का मकान बनाना चाहते हैं तो इसके लिए 350 रुपए जमा कराने होंगे। 1300 स्क्वायर फीट से 2100 स्क्वायर फीट भूमि पर होने वाले निर्माण के लिए 600 रुपए जमा करने होंगे। 2100 वर्ग फीट से 3200 वर्ग फीट तक की भूमि पर निर्माण के लिए 900 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके अलावा किसी मकान में दुकानों के निर्माण के लिए निर्धारित फीस के साथ 50 फीसदी अतिरिक्त प्रभार देना होगा। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा का सब इंजीनियर इसके लिए करेगा निरीक्षण। पंचायतों में भवन निर्माण की अनुमति देने के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र यदि निर्धारित निवेश क्षेत्र की सीमाओं में आता है, तो इसके लिए टीएनसीपी के सहायक संचालक स्तर के अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। संबंधित अधिकारी भवन का निरीक्षण भी कर सकेगा। भवन निर्माण पूर्ण होने के एक माह के अंदर इसकी सूचना ग्राम पंचायत में देनी होगी।
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