नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह लगातार चुनावी राज्यों का दौरा कर पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं। चुनावी राज्यों में भाजपा के संगठन को एकजुट रखना और कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करना पार्टी की पहली प्राथमिकता है। इसी कारण शाह लगातार चुनावी राज्यों का दौरा कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 23 फरवरी को शाह चुनावी राज्य कर्नाटक दौरे पर जाएंगे। कर्नाटक में वह कई कार्यक्रमों में शामिल होने वाले है। इसके बाद वह 24 फरवरी को मध्यप्रदेश पहुंचने वाले हैं। मध्यप्रदेश में भी शाह के कई कार्यक्रम है। मध्य प्रदेश का दौरा खत्म करने के बाद शाह सीधे बिहार पहुंचने वाले हैं। बिहार के बाल्मीकि नगर और पटना में भी शाह के कई कार्यक्रम हैं। इसके अलावा इन राज्यों में भाजपा संगठन के नेताओं से भी शाह बैठक करने वाले हैं। शाह पार्टी नेताओं के साथ बैठक के दौरान आगामी रणनीति पर भी चर्चा करने वाले हैं।
शाह के कर्नाटक दौरे के दौरान 23 फरवरी को बेल्लारी और संदूर में आयोजित जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। शाह इन रैलियों के जरिए आगामी चुनाव को लेकर पार्टी का एजेंडा लोगों के समक्ष रखने की कोशिश करने वाले हैं। शाह की इस रैली में भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। बता दें कर्नाटक में अप्रैल-मई में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कर्नाटक का दौरा खत्म कर 24 फरवरी को शाह सीधे मैहर पहुंचकर सीधे शारदा माता का दर्शन भी करने वाले हैं। मैहर के बाद शाह सतना पहुंचकर कोल जाति महाकुंभ और माता शबरी जयंती कार्यक्रम को संबोधित करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इन कार्यक्रमों में एक लाख से ज्यादा जनजातीय समुदाय के लोग शामिल हो रहे हैं। इन तमाम कार्यक्रमों को खत्म करने के बाद संगठन के नेताओं से शाह की चर्चा होगी। मध्य प्रदेश में भी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं।
मध्य प्रदेश के बाद सीधे शाह बिहार पहुंचकर 25 फरवरी को बाल्मीकि नगर के लौरिया में एक बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं। इसके बाद वे नंदनगढ़ जाएंगे जहां बौद्ध स्पूत का दर्शन करने वाले हैं। दोपहर बाद शाम में केंद्रीय गृहमंत्री शाह का पटना में कार्यक्रम है। वह स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती के मौके पर आयोजित किसान मजदूर समारोह में शामिल होकर संबोधित करने वाले हैं। देर रात शाह भाजपा के नेताओं के साथ बैठक कर आगामी दिनों के लिए रणनीति तय करने वाले हैं। माना जा रहा है कि शाह अपने दौरे के दौरान उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात कर सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने हाल में ही जदयू से नाता तोड़कर अपनी नई पार्टी बना ली है।
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