रिटायरमेंट की प्लानिंग किसी भी व्यक्ति के भविष्य के लिए जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि जितना जल्दी हो हमें अपने रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करना शुरू कर देना चाहिए। इससे हम बेहद कम समय में एक बड़ा फंड जमा कर सकेंगे। सरकार की ओर से कई ऐसी योजनाएं शुरू की गई है, जिससे आप रिटायरमेंट प्लानिंग कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही एक योजना के बारे में…
एनपीएस क्या है और कैसे काम करता है?
एनपीएस एक टैक्स सेविंग रिटायरमेंट स्कीम है। इसे सरकार की ओर से केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 में लॉन्च किया गया था, जिसे 2009 में सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया। एनपीएस को इस तरह से बनाया गया, जिससे निवेश करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के साथ अच्छा रिटर्न मिल सके।
एनपीएस में किसी भी निवेशक को कम से कम 6000 रुपये प्रतिवर्ष का निवेश करना होता है और उसे रिटायरमेंट तक इस निवेश को जारी रखना होता है। रिटायरमेंट पर निवेशक 60 प्रतिशत तक ही पैसे की निकासी कर सकते हैं। बाकी का 40 प्रतिशत पैसा दोबारा से निवेश कर दिया जाता है, जिससे एनपीएस होल्डर को पेंशन दी जा सके।
दो प्रकार के एनपीएस अकाउंट होते हैं। पहला – टियर 1 और दूसरा – टियर 2। एनपीएस का टियर 1 अकाउंट से 60 वर्ष से पहले पैसे नहीं निकाल सकते हैं, जबकि टियर 2 खाते के लिए ऐसी कोई लिमिट नहीं है। आप अपनी इच्छा के अनुसार पैसा जमा और निकाल सकते हैं।
एनपीएस के क्या फायदे हैं?
एनपीएस में सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आप रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ अपने टैक्स के बोझ को भी कम कर सकते हैं। कोई भी एनपीएस अकाउंट होल्डर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये और 80CCE के तहत 50,000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकता है।
क्या एनपीएस अच्छा निवेश का विकल्प है?
अगर आप लंबी अवधि के नजरिए से एक टैक्स सेविंग विकल्प की तलाश कर रहे हैं। तो एनपीएस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे आपकी टैक्स बचत के साथ रिटायरमेंट की अच्छी प्लांनिंग हो सकती है।
क्या एनपीएस, पीपीएफ से बेहतर है
भारत का कोई भी 18 साल से लेकर 60 साल तक का व्यक्ति एनपीएस में निवेश कर सकता है। पीपीएफ में नाबालिग भी निवेश कर सकता है। एनपीएस में 60 वर्ष के बाद ही पैसे निकाल सकते हैं, जबकि पीपीएफ की मैच्योरिटी 15 वर्ष की है। एनपीएस में रिटर्न निश्चित नहीं होता है। यह बाजार में निर्भर करता है।
एनपीएस पर ब्याज दर क्या है?
सरकार की ओर से जारी की गई ताजा ब्याज दर के मुताबकि, पीपीएफ पर 7.00 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दी जा रही है। एनपीएस में रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है, जब बाजार अच्छा होता है, तो इसमें रिटर्न अधिक मिलता है। वहीं, बाजार के कमजोर होने पर रिटर्न भी कम मिलता है।
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