गाजियाबाद । हवा की रफ्तार थमते ही जिले में प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। शुक्रवार को गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 350 दर्ज किया गया, जबकि बृहस्पतिवार को जिले का एक्यूआइ 232 दर्ज किया गया था। जिले में शुक्रवार को वसुंधरा इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआइ 397 दर्ज किया गया। लोनी का एक्यूआइ 383, संजय नगर का 315 और इंदिरापुरम का एक्यूआइ 306 दर्ज किया गया।बीती 12 फरवरी से तेज हवा चलने के कारण जिले में लोगों को प्रदूषण से राहत मिली थी। दरअसल जिले में हो रहा प्रदूषण तेज हवा के साथ आगे बह जा रहा था। इससे प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ रहा था। अब हवा की रफ्तार थमते ही प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। बृहस्पतिवार को एक्यूआइ 232 था। शुक्रवार को एक्यूआइ 350 पहुंच गया।
जिले के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में 90 प्रतिशत सड़कें टूटी हुई हैं। मुख्य मार्गों की भी सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं। ऐसे में सड़कों पर जाम लगता है और जाम में फंसे वाहन धुआं उगलते हैं। नगर निकाय की ओर से सड़कों से धूल की सफाई कर पानी के छिड़काव में लापरवाही बरती जा रही है। जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं। बिना ढके बड़े वाहनों से कूड़ा एक से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है। प्रदूषण की रोकथाम में लापरवाही बरती जा रही है। इन सब कारणों से जिले में प्रदूषण हो रहा है। जिले में वसुंधरा इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित बना हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक यहां पर रैपिड ट्रेन का स्टेशन बन रहा है। इस कारण ज्यादा प्रदूषण हो रहा है।उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि जिले में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर ग्रेप के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। नगर निकायों को सड़कों की सफाई करने और पानी का छिड़काव करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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