नई दिल्ली । केजरीवाल सरकार 2025 तक यमुना की सफाई, दिल्ली के हर घर को 24 घंटे नल से साफ पानी देने और सभी अनाधिकृत कॉलोनियों के घरों को सीवर लाइन से जोड़ने को लेकर बेहद गंभीरता से काम कर रही है। इसी कड़ी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को मुंडका की 4 अनधिकृत कालोनियों और 2 गांव में 63 किमी लंबी सीवर लाइन बिछाने, 5 एमएलडी क्षमता वाला एसटीपी और 12.5 एमएलडी क्षमता वाले एसपीएस के निर्माण की परियोजना को मंजूरी दी है। इससे इलाके की करीब 53 हजार जनता को फायदा होगा। परियोजना की कुल लगात 127 करोड़ रुपये है। उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया ने डीजेबी के अधिकारियों को परियोजना को उम्मीदों के अनुरूप बनाने और समयसीमा के अंदर गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है।
मुंडका में 4 अनधिकृत कॉलोनियों व 2 गांव के घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि हम यमुना को स्वच्छ बनाने और बेहतर सीवरेज प्रबंधन की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इसी के तहत मुंडका की 4 अनाधिकृत कॉलोनियों और 2 गांव में 63 किमी लंबी सीवर लाइन डाली जाएगी। यहां सीवरेज सिस्टम न होने से स्थानीय तालाब, सेप्टिक टैंक या बरसाती नालों में सीवेज छोड़ा जाता है। यह सीवेज नाले से यमुना नदी में गिरता है। इससे नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि होती है। ऐसे में इस जल प्रदूषणकारी तत्वों को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने हर घर को सीवेज से जोड़ने का निर्णय लिया है। यहां से निकलने वाला सीवरेज, सीवर लाइनों के माध्यम से नजदीकी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ट्रीटेड पानी यमुना में बहेगा।
पांच एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी से शोधित पानी के दोबारा उपयोग पर दिया जाएगा जोर
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से मुंडका में 5 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी का निर्माण किया जाएगा। आधुनिक तकनीक से लैस इस एसटीपी के चालू होने के बाद गंदे पानी के बायोलॉजिकल ऑक्सीडेशन डिमांड (बीओडी) स्तर को शोधित कर 10 तक लाया जा सकेगा। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुंडका में बनाए जाने वाले इस एसटीपी से शोधित पानी के दोबारा उपयोग पर जोर दिया जाएगा। एसटीपी से आने वाला उपचारित पानी न केवल यमुना को साफ करने में मदद करेगा, बल्कि अन्य चीजों के लिए भी उपयोगी है। इसे बागवानी और दिल्ली की झीलों का कायाकल्प करने आदि के उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा, ताकि पीने योग्य पानी की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
केजरीवाल सरकार मुंडका में करेगी सीवर पपिंग स्टेशन का निर्माण
केजरीवाल सरकार ने सीवर के पानी को पंप कर एसटीपी तक पहुंचाने के लिए मुंडका में 12.5 एमएलडी क्षमता वाले सीवर पपिंग स्टेशन (एसपीएस) बनाने का फैसला लिया है। जिन घरों से इंटरनल सीवर लाइन कनेक्टिड होगी, वहां से पानी को एसटीपी तक पहुंचे के लिए सीवेज पपिंग स्टेशन (एसपीएस) अहम भूमिका निभाएगा। एसपीएस में मोटर पंप के माध्यम सीवर को एसटीपी तक भेजा जाता है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस सीवेज पंपिंग स्टेशन में पानी ओवरफ्लो होने या किसी तरह की खराबी के बारे में चेतावनी देने के लिए अलार्म लगाए जाएंगे। इससे दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को तुरंत चेतावनी मिल जाएगी की सीवेज ओवरफ्लो का खतरा बढ़ गया है, ताकि समय रहते उचित कदम उठाया जा सके।
दरअसल, वेस्टवॉटर पंपिंग स्टेशनों की निगरानी आईओटी मॉनिटरिंग डिवाइस के जरिये की जाएगी। इस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगा सेंसर यह सुनिश्चित करेगा कि पपिंग स्टेशन में सीवर का गंदा पानी एक तय लेवल तक भरते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अलर्ट चला जाए। इससे की सीवेज पंपिंग स्टेशन पर मौजूद ऑपरेटर की जिम्मेदारी और जवाबदेही दोनों तय की जा सकें।
यमुना को प्राथमिकता के आधार पर साफ करना केजरीवाल सरकार का मुख्य मकसद
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी डीजेबी को दी है। जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया, वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है। यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन, सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग आदि कार्य कर रही है। इससे की दिल्लीवालों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले।
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