राजस्थान | राज्य सरकार अवैध खनन को रोकने के तमाम दावे करती है, परंतु सिरोही जिले से जो तस्वीरें सामने आईं हैं उससे जिम्मेदारों की कार्यशैली व भूमिका पर सवाल उठना भी वाज़िब है। ज़िले में आज आलम यह है कि ऐतिहासिक पहाड़ अवैध खनन माफियां डकार गए हैं। अवैध खनन को रोकने के कोई प्रभावी प्रयास सिरोही जिला प्रशासन आज तक नहीं कर पाया। आज नतीजा सबके समक्ष है।दिनदहाड़े अवैध खनन माफियां ब्लास्टिंग मशीनें लगाकर ऐतिहासिक पहाड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ज़िले में अवैध खनन का खेल लंबे अर्से से चल रहा है। इस दौरान कई अधिकारी सिरोही ज़िले में आए और चले भी गए, लेकिन किसी ने भी अवैध खनन को रोकने कि प्रभावी कार्रवाई करने की जहमत तक नहीं उठाई।
आज ज़िले के नांदिया, बसंतगढ़, रोहिडा, वाटेरा, भारजा, भीमाणा, वाड़ा सहित एक नहीं दर्जनों गांवों के सरकारी पहाड़ों का अस्तित्व ही ख़तरे में हैं। जिला कलेक्टर से लेकर सभी अधीनस्थ जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद कर कर यह सब देख रहें।बता दें कि अवैध खनन के बारे में जिम्मेदारों द्वारा प्रभावी नकेल न कसने के पीछे क्या खास वजह है? दिनदहाड़े हो रहे अवैध खनन का जिम्मेदार कौन? आज दिन तक अवैध खनन से सरकार को हुए करोड़ों के राजस्व के नुकसान का जिम्मेदार कौन.? राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी भी अवैध खनन को रोकने में नाकाम क्यों.? क्या अवैध खनन पर कार्रवाई न करने के पीछे चलता है आपसी सांठगांठ या लेनदेन का खेल.? यदि नहीं तो फिर आज तक ज़िले में क्यों नहीं हुई प्रभावी कार्रवाई? साथ ही ऐतिहासिक पहाड़ों को हो रहें भारी भरकम नुकसान का जिम्मेदार कौन है? सरकारी कारिंदों द्वारा अवैध खनन को रोकने के बड़े-बड़े दावे तो किए जाते हैं, परन्तु जमीनी स्तर पर क्यों नहीं होती कार्रवाई।
महज औपचारिक कार्रवाई करने से अवैध खनन रुकने वाला नहीं है। जिस तरह अवैध खनन माफियां बेख़ौफ हैं, उन्हें किसी विधिक कार्रवाई का डर तक नहीं है।जब मामले पर सिरोही खनिज अभियंता चन्दन कुमार का पक्ष जाना तो बताया कि मैं छुट्टी पर आया हूं, चार्ज जालौर के खनिज अभियंता राजन चौधरी को दिया है आने के बाद टीम भेजकर कार्रवाई करवाई जाएगी। इसके बाद कार्यवाहक खनिज अभियंता राजन चौधरी से बात की तो बताया कि यदि ऐसा है तो टीम भेजकर आवश्यक रूप कार्रवाई करवाता हूं।
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