18 साल में कृषि के क्षेत्र में मप्र ने काफी प्रगति की

इंदौर। जी-20 बैठक में शामिल होने के पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रेस वार्ता ली। उन्होंने कहा कि विश्व के लिए कृषि का महत्व पता चल चुका है। मप्र ने पिछले 18 साल में कृषि क्षेत्र में जो प्रगति की है, वो सबको पता है। मप्र में 165 लाख टन अनाज का उत्पादन होता था, अब 600 टन उत्पादन हो रहा है। पांच सबसे बड़े दुग्ध उत्पादन राज्यों में मप्र भी शामिल है। विश्व व्यापक स्तर पर कृषि संबंधित स्ट्रेटजी बनाना है। एक-एक किसान को अपनी उपज बढ़ाने के लिए तकनीक व अन्य सुविधाएं दे रहे हैं। भारत की पुरानी विरासत मोटे अनाज का लाभ एक-एक मनुष्य को मिल पाएगा। हमें उम्मीद है कि विचार मंथन से जो निचोड़ निकलेगा, उससे कृषि क्षेत्र को वृहद आयाम मिल सकेगा। हम 2030 तक ग्लोबल ड्रोन हब बन जाएगा। इसका कृषि क्षेत्र में बेहतर उपयोग होगा। इसका कृषि क्षेत्र में बेहतर उपयोग होगा। हम ड्रोन पॉलिसी बना रहे है।

दोपहर में मांडू जाएंगे प्रतिनिधि

इंदौर में हो रही जी-20 कृषि समूह की बैठक के दूसरे दिन मंगलवार को जी-20 समूह के देश अल्फावेटिक आर्डर जारी करेंगे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बैठक के दूसरे दिन के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। दोपहर दो बजे सभी प्रतिनिधि मांडू के लिए रवाना होंगे। मांडू जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है। रात्रि भोज मांडू में करने के बाद सभी प्रतिनिधि पुनः इंदौर लौटेंगे।

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