नई दिल्ली । तस्करी के कारण देश की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान हो रहा है, वह मोदी सरकार के अमृतकाल के दृष्टकोण के तहत भारत के 40,000 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह में रोड़ा बन सकता है। उद्योग मंडल फिक्की की तस्करी और जाली वस्तुओं से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान के खिलाफ समिति (कैस्केड) की रिपोर्ट में यह आशंका जाहिर की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, तस्करी के खिलाफ एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाए जाने की जरूरत है।
फिक्की ने पिछले साल 11 फरवरी को तस्करी-निषेध दिवस के रूप में मनाया था और सरकार से तस्करी के मुद्दे को विश्व पटल पर रखने और इस दिन को अंतरराष्ट्रीय तस्करी निषेध दिवस के तौर पर घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने की अपील की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एल्कोहल वाले पेय पदार्थ, मोबाइल फोन, दैनिक उपयोग वाली घरेलू और निजी वस्तुएं, पैकेट बंद खाद्य पदार्थ और तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार में भारत सरकार को होने वाला नुकसान 2019-20 में 163 प्रतिशत बढ़कर 58,521 करोड़ रुपए हो गया है।
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