2015-16 के बजट में बढ़ा था सर्विस टैक्स, ये चीजें भी हुई थीं महंगी

नई दिल्ली। जुलाई में यूनियन बजट पेश किया जाएगा, जिसको पेश होने में सिर्फ कुछ ही दिनों का समय बाकि है। आज हम आपको मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान पेश किए गए दूसरे बजट यानी कि वित्त वर्ष 2015-16 के बजट की खास बातों के बारे में बता रहे हैं। 2015-16 का बजट तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था। 28 फरवरी 2015 को अरुण जेटली ने यह बजट पेश किया था।
2015-16 बजट की खास बातें
बजट में सर्विस टैक्स को 12.36 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद कर दिया गया था।
क्या हुआ महंगा
मोबाइल, इंटरनेट, बिजली बिल, सिगरेट, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, रेस्टोरेंट बिल, होटल बिल, क्रेडिट-डेबिट कार्ड यूज, ऑनलाइन रेल टिकट, पार्लर, अस्पताल बिल, ब्रांडेड कपड़े, केबल टीवी, मिनरल वाटर, हवाई यात्रा, टीवी, इंश्योरेंस पॉलिसी, ट्रैवलिंग, ड्राईक्लीन, होटल, रेडियो टैक्सी सर्विस, इंपोर्टेड कारें, एसयूवी, हाईएंड बाइक, सेट टॉप बॉक्स, घर खरीदना, प्लास्टिक बैग, शराब आदि मंहगी हुई थी।
क्या हुआ सस्ता
एलईडी-एलसीडी पैनल्स, एलईडी लाइट, एलईडी लैंप, सोलर वाटर हीटर, पेसमेकर, एंबुलेंस सर्विस, अगरबत्ती, माइक्रोवेव ओवन, रेफ्रिजरेटर कम्प्रेसर, पीनट बटर, पैक फल, पैक सब्जियां, संग्रहालय टूर, चिड़ियाघर टूर, नेशनल पार्क टूर।
किसान
लघु सिंचाई, जल और प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना के तहत 5,300 करोड़ रुपये दिए गए। 2015-15 के लिए कृषि लोन का 8.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य। नाबार्ड में ग्रामीण अवसंचना विकास निधि (आरआईईएफ) की स्थापना के लिए 2015-15 में 25 हजार करोड़, 15 हजार करोड़ दीर्घावधिक ग्रामीण लोन के लिए, 45 हजार करोड़ अल्पावधिक सहकारी ग्रामीण लोन पुनर्वित्त निधि के लिए और 15 हजार करोड़ रुपये अल्पावधिक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक निधि के लिए दिए गए थे। 12 रुपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर 2 लाख के दुर्घटना से निधन होने पर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना कवर
इनकम टैक्स
1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम वालों पर 2 फीसद एक्स्ट्रा टैक्स लगाया गया।
प्रॉपर्टी टैक्स के प्रावधान को समाप्त करने का ऐलान किया गया था।
1 लाख से ज्यादा की खरीद पर पैन नंबर की जानकारी देना अनिवार्य किया गया।