आदित्य ठाकरे से माफी मांगें CM फडणवीस, दिशा सालियान डेथ केस पर बोले शिवसेना के नेता संजय राउत

सेलिब्रेटी मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में मुंबई पुलिस की एसआईटी रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी नहीं होने की बात बॉम्बे हाईकोर्ट में कहे जाने के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इसके लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत कई नेताओं से माफी मांगने की मांग की है. जबकि इस मामले में निशाने पर आए आदित्य ठाकरे भी बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं.
इस घटना से आदित्य का संबंध नहींः रोहित पवार
वहीं एनसीपी (शरद पवार) नेता रोहित पवार ने एसआईटी की रिपोर्ट के बाद कहा, “आदित्य ठाकरे का इस घटना से कोई संबंध नहीं था. बीजेपी और उसके सहयोगियों ने दिशा का नाम आदित्य ठाकरे के साथ जोड़कर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की थी. राजनीतिक लाभ के लिए, इन नेताओं ने एक ऐसे शख्स के नाम का इस्तेमाल करने की कोशिश की जो अब जीवित नहीं है.”
दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे भी कल ही बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने मृतक सेलिब्रिटी मैनेजर दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान की ओर से दाखिल याचिका का विरोध किया जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की थी.
सालियान की याचिका पर जताई आपत्ति
ऐसा कहा जाता है कि दिशा की मौत 8 जून, 2020 को मलाड में एक हाई राइज बिल्डिंग से गिरकर हो गई थी. लेकिन बाद में उसके पिता ने यह आरोप लगाया कि उसके साथ गैंगरेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई. फिर पुलिस, राजनीतिक हस्तियों और ठाकरे समेत कई अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों ने मामले को दबाने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई. 11 दिसंबर, 2023 को राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों के बाद, सतीश सालियान के लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था.
जस्टिस अजय गडकरी और राजेश पाटिल की बेंच ने कल बुधवार को दिशा सालियान के पिता की याचिका पर सुनवाई की, तो ठाकरे ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस केस पर विचार कर चुका है और उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को उसके समक्ष एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
SIT ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा
आदित्य ठाकरे ने यह भी कहा कि मामले की जांच सीबीआई, महाराष्ट्र पुलिस और बिहार पुलिस सहित अलग-अलग एजेंसियों ने की है. इन एजेंसियों को अपनी जांच में किसी भी तरह की गड़बड़ी का सबूत नहीं मिला है, इसलिए सालियान की याचिका में कोई दम नहीं है. इसके बजाय, यह याचिका सीबीआई की जांच में हस्तक्षेप करने का एक साधन है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.
दूसरी ओर, एसआईटी का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शैलेंद्र नागरकर ने कोर्ट को बताया कि सालियान की याचिका निराधार और निराधार है. दिशा की मौत के एक दिन बाद दर्ज की गई आकस्मिक मौत की रिपोर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर आधारित थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि उसके शरीर पर यौन या शारीरिक हमले का कोई निशान नहीं था.
उन्होंने यह भी कहा कि दिशा की मां वसंती ने महाराष्ट्र पुलिस की जांच के दौरान अपनी बेटी की मौत के बारे में किसी पर कोई संदेह नहीं जताया था और एसआईटी के निष्कर्ष पहले की जांच के हिसाब से थे. वहीं सतीश सालियान की ओर से एडवोकेट नीलेश ओझा ने कहा कि राज्य सरकार 30 अप्रैल को कोर्ट के निर्देशों का पालन करने में नाकाम रही, जब मुख्य सचिव को उनके मुवक्किल की याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया था.