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रोबोट से लेकर हेल्थ ऐप तक… हज को आसान बनाने के लिए सऊदी अरब ऐसे कर रहा AI का इस्तेमाल

सऊदी अरब में हज के लिए बड़ी तादाद में तीर्थयात्री जुट चुके हैं. लगभग 2 मिलियन लोग इस साल एक साथ हज अदा कर रहे हैं. 6 जून को सभी का हज पूरा होगा. इस दौरान सऊदी अरब के लिए इतनी बड़ी तादाद में लोगों को मैनेज करना, उनकी जरूरतों का ख्याल रखना एक चुनौती से कम नहीं है. हालांकि, अब इस चुनौती का सामना करने के लिए सऊदी में AI का सहारा लिया जा रहा है.

इन स्मार्ट डिजिटल सर्विस में एक एआई रोबोट शामिल है जो 20 से अधिक भाषाओं में बात कर सकता है. इससे सऊदी अरब पहुंचे अलग-अलग देशों के लोगों को काफी सहायता मिलेगी. क्योंकि उन सभी को अरबी नहीं आती जिसकी वजह से वो कहीं रास्ता भटक जाने पर बातचीत नहीं कर पाते और गार्ड या पुलिस से मदद मांगने पर भी भाषा समझ न आने पर रास्ता ढूंढना मुश्किल हो जाता था, लेकिन अब इस समस्या के लिए AI काम आएगा.

सऊदी ले रहा AI का सहारा

इसी के साथ एक नुसुक कार्ड को भी शुरू किया गया है, जो तीर्थयात्रियों को पैगंबर की मस्जिद में पवित्र रावदाह की यात्रा के लिए अपॉइंटमेंट बुक करने में मदद करेगा. इन कार्डों के जरिए तीर्थयात्रियों को अपनी संपर्क जानकारी और वो जहां ठहरे हैं उसका पता भी रहता है जिससे खोए हुए और लापता लोगों की संख्या में कमी आएगी.

हेल्थ अपडेट के लिए ऐप का इस्तेमाल

तवाक्कलना, एक मोबाइल स्वास्थ्य ऐप है जो तीर्थयात्रियों को उनकी हेल्थ स्टेट्स के बारे में अपडेट करेगा और जरूरी मेडिकल सेवाओं तक पहुंच देगा. इसी के साथ सऊदी अधिकारियों ने मक्का रूट पहल भी शुरू की, जो अपने देशों में तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को आसान बनाने में मदद करती है. साथ ही इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को पढ़ने और सीखने के लिए भी ऐप लॉन्च किया गया है जिससे लोग और बेहतर तरीके से इबादत कर सकें.

गर्मी बनी बड़ी चुनौती

सऊदी अधिकारियों के अनुसार, हज यात्रा के लिए अब तक 12 लाख से अधिक तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंच चुके हैं. सऊदी अरब के हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने गुरुवार को एएफपी को बताया कि इस साल की तीर्थयात्रा से पहले अधिकारियों और आयोजकों के बीच भीषण रेगिस्तानी गर्मी को कम करने की कोशिश करने को लेकर बात हुई थी. क्योंकि पिछले साल हज के दौरान भीषण गर्मी के कारण कई लोगों की मौत दर्ज की गई थी.

हज मंत्री तौफीक अल-रबिया ने बताया, एक बड़ी चुनौती जिसका हम हमेशा सामना करते हैं, वो विभिन्न वर्षों में बढ़ता तापमान है और यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे हम काफी अहमियत दे रहे हैं. यह मुद्दा और भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल भीषण गर्मी के कारण हज के दौरान 1,300 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी क्योंकि तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस (125.24 डिग्री फ़ारेनहाइट) तक पहुंच गया था.

रबिया ने कहा कि इस साल अधिकारियों ने 40 से अधिक सरकारी एजेंसियों और 250,000 अधिकारियों को जुटाया है और गर्मी से संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है.

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