राष्ट्र चंडिका न्यूज़, बिजली उपभोक्ताओं को अब एक अप्रैल 2025 से बिजली की बढ़ी हुई दरें चुकानी होंगी. राज्य में मौजूदा बिजली दरों में 3.46 प्रतिशत की बढ़ोतरी लागू होने जा रही है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.
बिजली कंपनियों ने की थी बड़ी बढ़ोतरी की मांग
बिजली कंपनियों ने बिजली की दरें 7.52 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन नियामक आयोग ने इसे न मानते हुए 3.46 प्रतिशत की वृद्धि को ही मंजूरी दी. अब यह वृद्धि सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं पर लागू होगी, लेकिन कुछ उपभोक्ता वर्गों को बिजली की इन बढ़ी हुई दरों पर राहत भी दी गई है.
किन उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत?
निम्न दाब उपभोक्ता और मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं को अब मीटरिंग चार्ज नहीं देना होगा. ऐसे उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम प्रभार पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. इसके साथ ही, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा अवधि के दौरान ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट दी जाएगी.
10 किलोवॉट से अधिक भार वाले निम्न श्रेणी के घरेलू और सामान्य जल प्रदाय और सड़क बस्ती और एचवी-6 श्रेणी के उपभोक्ता को ‘टाइम ऑफ डे’ टैरिफ में लाया गया है. प्रीपेड उपभोक्ता की छूट को आयोग ने बरकरार रखा हुआ है. बिजली कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 58,744 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसके विरुद्ध आयोग ने 57,732.6 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
उपभोक्ताओं पर कितना असर?
बिजली की दरों में वृद्धि से आम जनता की जेब पर असर तो पड़ेगा लेकिन कुछ उपभोक्ताओं को राहत देने के कदम भी उठाए गए हैं. बढ़ी हुई दरों के बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में ऊर्जा बचत और वैकल्पिक स्रोतों को अपनाने पर ज़ोर देना होगा ताकि बिजली दरों में बढ़ोतरी से बचा जा सके.
बिजली की दरें कब से बढ़ेंगी?
मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से नई बिजली दरें लागू हो जाएंगी, जिसमें 3.46% की वृद्धि का प्रावधान किया गया है.
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