मुंबई के DCP सुधाकर पाठारे की सड़क हादसे में मौत, हैदराबाद में चल रही थी ट्रेनिंग

मुंबई पुलिस के पोर्ट जोन के डीसीपी सुधाकर पाठारे की सड़क हादसे में मौत हो गई. हैदराबाद में ट्रेनिंग के लिए गए थे आज छुट्टी होने के कारण घूमने निकले थे तभी एक दूसरी गाड़ी ने उनकी कार को टक्कर मार दी जिसमें उनकी मृत्यु हो गई. यह दुर्घटना आज दोपहर 12 बजे घटी. सुधाकर पठारे का कुछ ही दिनों में DIG प्रमोशन होने वाला था.

बदलापुर में नाबालिग बच्चियों के साथ जो यौनशोषण हुआ था जिसके बाद आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मृत्यु हो गई थी तब सुधाकर पाठारे ही वहां डीसीपी थे. जानकारी के मुताबिक, पठारे अपने किसी रिश्तेदार के साथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए गए थे. इसी दौरान ये हादसा हो गया. इस हादसे में पाठारे और उनके रिश्तेदार की मौतो हो गई.

सुधाकर पाठारे ट्रेनिंग के लिए हैदराबाद गए थे. वह 2011 बैच के IPS अधिकारी थे. एसपी नगर कुरनूल वैभव गायकवाड़ (IPS) ने इस खबर की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सुधाकर पठारे और उनके एक रिश्तेदार भागवत खोडके की तेलंगाना के श्रीशैलम नगर कुरनूल के पास सड़क हादसे में मौत हो गई.

पहले भी एक अधिकारी की हो गई थी मौत

दिसंबर 2024 में भी कर्नाटक के हासन जिले में अपनी पहली तैनाती के लिए कार्यभार संभालने जा रहे एक IPS अधिकारी की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक, कर्नाटक कैडर के 2023 बैच के आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन (26) मध्यप्रदेश के रहने वाले थे. हासन जिले के किट्टाने के निकट पुलिस की गाड़ी का टायर फटने से गाड़ी अनियंत्रित होकर एक मकान और पेड़ से टकरा गई थी.

पुलिस ने बताया था कि हर्षवर्धन होलेनरसीपुर में परिवीक्षाधीन सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में ड्यूटी पर रिपोर्ट करने के लिए हासन जा रहे थे. हर्षवर्धन के सिर में गंभीर चोटें आईं और हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं ड्राइवर को मामूली चोटें आईं थीं.

सीएम ने जताया था दुख

इस हादसे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का बयान भी सामने आया था. उन्होंने अधिकारी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की थी. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कहा था कि प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी हर्षवर्धन की मौत के बारे में सुनकर दुख हुआ. यह बहुत दुखद है कि ऐसी दुर्घटना उस समय हुई जब वह आईपीएस अधिकारी के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे थे. ये तब नहीं होना चाहिए था जब वर्षों की कड़ी मेहनत रंग ला रही थी.

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