प्रतापगढ़ की आंगनबाड़ी भर्ती में गजब घोटाला! जिस गांव की महिला निवासी नहीं, वहीं हो गया चयन… फर्जी निवास से नौकरी पाने का आरोप
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में आंगनबाड़ी की भर्ती सवालों के घेरे में आ गई है. भर्ती में फर्जीवाड़े का आरोप लग रहा है. इस फर्जीवाड़े की आंच जिले के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग से लेकर ग्राम प्रधान तक आई है. आरोप है कि विभाग द्वारा बाबागंज ब्लॉक के डीह बलई ग्रामसभा के बाहर की महिला अभ्यर्थी बेबी यादव की नियुक्ति कर दी गई, जबकि कुशहा गांव की पात्र महिला प्रीती देवी का चयन नहीं किया गया. प्रीती देवी ने इसकी शिकायत पत्र लिखकर जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी समेत विभाग की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्या और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला से की है.
दरअसल, डीह बलई ग्रामसभा के कुशहा गांव की निवासी प्रीती देवी पत्नी सुमित मिश्रा ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा निकाली गई आंगनबाड़ी की भर्ती में 08-04-2024 को आवेदन किया था. आरोप है कि प्रीती देवी के साथ-साथ बेबी यादव पत्नी रवि शंकर निवासी नैदी गांव, ग्रामसभा रायगढ़ ने अपना फर्जी दस्तावेज बनाकर डीह बलई ग्रामसभ के कुशहा गांव की आंगनबाड़ी सीट पर आवेदन कर दिया.
भर्ती के लिए जारी शासनादेश में क्या लिखा?
जबकि शासनादेश में स्पष्ट रूप से लिखा था कि आवेदक ग्रामसभा, ग्राम पंचायत का निवासी होना चाहिए. यदि ग्राम पंचायत में कोई व्यक्ति आवेदन न किया हो तो न्याय पंचायत से लिया जाएगा. कुशहा गांव निवासी प्रीति देवी ने अपने सभी दस्तावेज जिले के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में जमा कराया था. वहीं बेबी यादव ने भी अपने फर्जी दस्तावेज विभाग में जमा करा दिए, जबकि बेबी यादव के पति के परिवार रजिस्टर की नकल और वोटर कार्ड लिस्ट रायगढ़ की है. लाभार्थी का नाम भी रायगढ़ ग्रामसभा की वोटर लिस्ट में है.
18 मार्च को जारी हुआ था रिजल्ट
कुशहा गांव निवासी प्रीती देवी को बीते 18 मार्च को पता चला कि बाल विकास परियोजना ने आंगनबाड़ी भर्ती की फाइनल सूची विकास भवन में नोटिस लगाकर जारी की गई है. जब प्रीती ने विकास भवन जाकर लिस्ट देखी तो उसमें बेबी यादव का नाम कुशहा गांव के लिए चयन लिस्ट में था. प्रीती देवी का आरोप है कि बेबी यादव डीह बलई ग्राम पंचायत की निवासी नहीं हैं. कुशहा गांव से अपना फर्जी निवास और राशन कार्ड में नाम जुड़वा कर नौकरी ले ली है, जिसकी पात्र वह थीं. विभाग द्वारा बेबी यादव के कागजों की जांच की जाए और सभी पात्र का नौकरी के लिए चयन किया जाए.
ग्राम प्रधान मुकुंद यादव ने पीड़ित को धमकाया
वहीं जब प्रीती देवी के पति सुमित मिश्रा ने ग्राम प्रधान मुकुंद यादव से इस संबंध में बात और जानकारी लेनी चाहिए कि आखिर कैसे बेबी यादव का निवास प्रमाण पत्र डीह बलई ग्रामसभा से बन गया तो मुकुंद यादव ने सुमित मिश्रा को धमकाया. रास्ते में सुमित मिश्रा की बाइक रोक कर देख लेने की धमकी दी. जब सुमित मिश्रा ने ग्राम प्रधान मुकुंद यादव से अपना निवास प्रमाण पत्र मांगा तो मुकुंद यादव ने देने से इनकार कर दिया और धमकाते हुए कहा कि तुम खुद इस गांव के निवासी नहीं हो, जबकि सुमित मिश्रा का पैतृक आवास कुशहा गांव में बना हुआ है. ग्राम प्रधान की धमकी से आहत सुमित मिश्रा का कहना है कि उन्होंने भर्ती में हुए फर्जीवाडे़ की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है. ग्राम प्रधान की मिलीभगत से बेबी यादव का फर्जी कागज बनवाया गया है.
जिला प्रोग्राम अधिकारी ने कहा- मामले की कराएंगे जांच
वहीं जब आंगनबाड़ी भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर टीवी9 संवाददाता ने जिला प्रोग्राम अधिकारी से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि एसडीएम द्वारा जारी QR कोड युक्त निवास प्रमाण पत्र के आधार पर बेबी यादव का चयन किया गया है. मामले में फर्जी कागजात बनाकर नौकरी लेने की बात सामने आ रही है. मामले की जांच कराई जाएगी. निवास प्रमाण पत्र की वैधता और एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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