भोपाल : मध्यप्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने आज आरोप लगाते हुए कहा कि मोहन यादव मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी का अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र फर्जी है और वे इसका अनुचित लाभ उठा रही हैं। प्रदीप अहिरवार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य के विंध्य और महाकौशल अंचल में ‘‘बागरी” जाति अनुसूचित जाति में नहीं हैं। प्रतिमा बागरी जाति से ‘‘राजपूत (ठाकुर)” हैं, लेकिन उन्होंने गलत तरीके से अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र बनवाया है। इसी आधार पर वे विधायक और फिर मंत्री बन गयी हैं। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने और बागरी के खिलाफ कारर्वाई की मांग की है।
प्रदीप अहिरवार ने कहा कि यदि राज्य सरकार बागरी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं करती है, तो वे इस मामले में अदालत की शरण में जाएंगे। उन्होंने कहा कि सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्र से प्रतिमा बागरी विधायक हैं। रैगांव क्षेत्र अनुसूचित जाति (अजा) के लिए सुरक्षित है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में रहने वाले ‘बागरी’ जाति के लोग मूल रूप से ठाकुर (राजपूत) समुदाय से आते हैं और अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं आते। इसके बावजूद प्रतिमा बागरी और इनके परिवार ने प्रशासनिक मिलीभगत से फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और मंत्री पद हासिल कर लिया। अहिरवार ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रतिमा बागरी के जाति प्रमाणपत्र की जांच करायी जाए। जांच के दौरान उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए और उनसे विधायक पद से भी त्यागपत्र लेना चाहिए।
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