फर्जी पत्रकारों द्वारा सरकारी कार्यालयों में 26 जनवरी के विज्ञापनों के नाम पर..
राष्ट्र चंडिका न्यूज़,सिवनी जिले में हाल के वर्षों में तथाकथित फर्जी पत्रकारों की सक्रियता में वृद्धि देखी गई है, जो गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर सरकारी कार्यालयों में अवैध वसूली में लिप्त पाए गए हैं। इन व्यक्तियों का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता की आड़ में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से धन उगाही करना है।
ये फर्जी पत्रकार सुबह से शाम तक जिले के उच्च अधिकारियों के कार्यालयों में घूमते रहते हैं, जिससे आम जनता को यह भ्रम होता है कि वे वास्तविक पत्रकार हैं। इनमें से कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी शामिल हैं, जो अपने निजी स्वार्थ के लिए पत्रकारिता के नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
सरकारी कार्यालयों में फर्जी पत्रकारों द्वारा 26 जनवरी के विज्ञापनों के नाम पर वसूली की घटनाएँ बढ़ रही हैं। ये व्यक्ति स्वयं को पत्रकार बताकर अधिकारियों से विज्ञापन शुल्क के रूप में धनराशि मांगते हैं, जबकि उनका उद्देश्य केवल अवैध वसूली होता है। इस प्रकार की गतिविधियाँ न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करती हैं, बल्कि ईमानदार पत्रकारिता की साख को भी नुकसान पहुँचाती हैं।
इसके अलावा, कुछ फर्जी पत्रकार स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर यूट्यूब चैनलों का उपयोग करके लोगों को ब्लैकमेल करते हैं और अवैध वसूली करते हैं। वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग करके पुरानी वीडियो और ट्वीट्स के माध्यम से लोगों को धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं।
इन गतिविधियों के कारण सिवनी जिले में पत्रकारिता की साख पर प्रश्नचिह्न लग गया है। स्थानीय प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को चाहिए कि वे ऐसे फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और पत्रकारिता के मानकों की रक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही, आम जनता को भी सतर्क रहना आवश्यक है ताकि वे ऐसे व्यक्तियों के धोखे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।
**फर्जी पत्रकारों की पहचान और रोकथाम के उपाय:**
1. **पत्रकार पहचान पत्र की जाँच:** अधिकारियों को चाहिए कि वे पत्रकारों से उनके मान्यता प्राप्त पहचान पत्र माँगें और उसकी सत्यता की पुष्टि करें।
2. **मीडिया संस्थान से संपर्क:** यदि कोई संदिग्ध लगे, तो संबंधित मीडिया संस्थान से संपर्क करके पत्रकार की पहचान की पुष्टि करें।
3. **सावधानीपूर्वक विज्ञापन स्वीकृति:** विज्ञापन स्वीकृत करते समय सुनिश्चित करें कि संबंधित मीडिया हाउस मान्यता प्राप्त है और उसकी विश्वसनीयता स्थापित है।
4. **शिकायत दर्ज करें:** यदि कोई फर्जी पत्रकार वसूली करते हुए पाया जाए, तो तुरंत उच्च अधिकारियों या पुलिस में शिकायत दर्ज करें।
सरकारी कार्यालयों में इस प्रकार की फर्जी गतिविधियों को रोकने के लिए सतर्कता और उचित प्रक्रिया का पालन आवश्यक है। सभी अधिकारियों को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में जागरूक रहें और आवश्यक कदम उठाएँ ताकि सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग न हो और पत्रकारिता की साख बनी रहे।
यह स्थिति न केवल प्रशासनिक कार्यों में व्यवधान पैदा करती है, बल्कि सच्चे और ईमानदार पत्रकारों की छवि को भी धूमिल करती है। फर्जी खबरों और अफवाहों का तेज प्रसार भी मीडिया और समाज के समक्ष बड़ी चुनौती है।
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कदम उठाएँ और अवैध वसूली की इन गतिविधियों पर रोक लगाएँ। साथ ही, आम जनता और सरकारी अधिकारियों को भी सतर्क रहना चाहिए और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।