‘पीले-पीले ओ मोरे राजा…’, पन्ना में टीआई के बर्थडे पर थाने में लगे ठुमके, चार लाइन अटैच

 पन्ना। पन्ना जिले के धरमपुर थाना परिसर में शनिवार रात टीआइ बलवीर सिंह के जन्मदिन पर वार्दी वालों ने नियमों को ताक में रखकर खूब ठुमके लगाए। इस दौरान पीले-पीले ओ मोरे राजा सहित कई गाने बजाए गए, जिस पर पुलिसकर्मी झूमते नजर आए। परीक्षा के दिनों में शोर-शराबे के बीच तीव्र संगीत बजा।

आपत्तिजनक गानों पर जवान घंटों नचे। इतना ही नहीं थाने में केट कटा और पूरी पार्टी के वीडियो को पुलिस वालों ने इंटरनेट मीडिया के स्टेटस पर भी सजा लिया। रविवार सुबह जब डांस पार्टी के वीडियो वायरल हुए तो पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण थोटा खुद थाने पहुंचे।

तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया

मामला समझा और गलती नजर आने पर एएसआई रावेंद्र, आरक्षक अखिल, अशोक और अजय पटेल को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच कर दिया। मामले की जांच एसडीओपी अजयगढ़ राजीव सिंह भदौरिया को दी गई है।

एमपी-यूपी सीमा का थाना

दो राज्यों की सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है इस थाने के बल पर धरमपुर थाना अतिसंवेदशील श्रेणी में शामिल है। यह मप्र-उप्र के बीच की सीमा का थाना है। दोनों प्रदेशों की सीमा के बीच बने थाने में आपराधिक गतिविधियां अत्याधिक रहती हैं और ऐसे में पुलिसकर्मी पुलिस थाना परिसर में नियम तोड़ते नजर आए।

वहीं कांग्रेस ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा कि देखिए नशे में नाचता सिस्टम। वहीं पूरे मामलें की विस्तृत जांच के लिये एसडीओपी अजयगढ को कहा गया है। चूंकि पुलिस विभाग एक अनुशासन एवं नियमों का पालन करवाने वाला एक विभाग है इस प्रकार की वीडियो एवं कृत्यों से पुलिस की छवि धूमिल होती है।

छवि धूमिल होती है

वहीं गंभीर बात तब होती है जब संवैधानिक संस्थानों में नियम का पालन करने वाले पुलिसकर्मी ही अगर नियमों का उल्लघंन करने लगे और अपने ही मोबाइल से इस प्रकार के वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड करते हैं, तो उनके इस कृत्य से समूचे विभाग की छवि धूमिल होती है। वहीं धरमपुर थाना समूचे पन्ना जिले के थानों की अपेक्षा में अतिसंवेदशील थानों में आता है क्योंकि यह दो राज्यों के बीच का थाना है।

उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा के बीच बने थाने में आपराधिक गतिविधियां अत्याधिक रहती है और ऐसे में पुलिसकर्मी पुलिस थानों के अंदर ऐसे कृत्य करेंगे तो आपात स्थिति में कैसे लोगो की मदद कर पायेगें।

ऐसे ही सब बातों को देखते हुये प्राथमिक तौर पर लाइन अटैच की कार्यवाही की गई है, लेकिन अब देखना यह है कि जांच के बाद और किस किस पर कार्रवाही होती है ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुर्नवृत्ति जिले के किसी भी थाने से सामनें निकलकर न आये।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.