उद्योगपति पवन अहलूवालिया की भागीदारी से PM मोदी के बागेश्वर धाम के दौरे पर सवाल! कानूनी मामलों की है लंबी लिस्ट

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में एक कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखने वाले हैं। इस आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव, पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी है। हालांकि, उद्योगपति पवन अहलूवालिया की संभावित उपस्थिति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। पवन अहलूवालिया पर गंभीर आरोप हैं। उन पर जालसाजी और धोखाधड़ी  के आरोप हैं। दिल्ली EOW ने पवन अहलूवालिया, उनकी पत्नी इंदु अहलूवालिया और अन्य निदेशकों के खिलाफ फर्जी शेयर ट्रांसफर और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर केस दर्ज किया है।

 सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका 

 SC ने उनकी दूसरी FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी, जिससे कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

बेनामी संपत्ति विवाद – सतना में KJS सीमेंट डायरेक्टर अहलूवालिया की करोड़ों की जमीन सरकारी घोषित कर दी गई।

चेक बाउंस केस – कटनी के एक कोल सप्लायर ने अहलूवालिया के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था।

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला – HC ने भी उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से इंकार कर दिया।

बागेश्वर धाम से गहरा नाता

पवन अहलूवालिया बागेश्वर धाम के प्रमुख आयोजनों में शामिल रहे हैं। वे मंदिर निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान भी पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ देखे गए हैं।

राजनीतिक विवाद और PMO पर दबाव

सूत्रों के अनुसार, अहलूवालिया को PM मोदी के स्वागतकर्ताओं की सूची में शामिल किया गया है, जिससे विपक्षी दलों को हमला करने का मौका मिल सकता है। अब सवाल यह है कि क्या वे इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे या विवाद के चलते बाहर कर दिए जाएंगे? PMO पर अब यह दबाव रहेगा कि वह इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट रुख अपनाए, ताकि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विवादों में न उलझे।

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