कांग्रेस ने मायावती को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का दिया था ऑफर… राहुल गांधी का बड़ा खुलासा

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को रायबरेली के दौरे के दौरान बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने रायबरेली में एक दलित लड़के के सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन मायावती ने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. राहुल गांधी ने कहा कि यदि तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़े होते तो बीजेपी कभी नहीं जीत पाती.

बता दें कि बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर राहुल गांधी ने आधिकारिक रूप से बड़ा बयान दिया है, जिसमें यह स्वीकार किया है कि कांग्रेस की ओर से मायावती को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था.

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि बीएसपी ने अकेले चुनाव लड़ा था और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी.

मायावती को साथ मिलकर चुनाव लड़ने का दिया था प्रस्ताव

रायबरेली में राहुल गांधी ने कहा कि यह तो कहना पड़ेगा कि काशीराम जी और बहन जी ने दलितों के लिए अच्छा काम किया और आज भी कर रही हैं, लेकिन एक सवाल है कि बहनजी आजकल चुनाव ठीक से क्यों नहीं लड़ रही हैं? हम चाहते थे कि बहन जी बीजेपी के विरोध में हमारे साथ लड़ें. मगर किसी न किसी कारण से नहीं लड़ीं. हमें तो काफी दुख हुआ. अगर तीनों पार्टियां एकसाथ हो जाती तो बीजेपी कभी नहीं जीत सकती थी.

इंडिया गठबंधन के घटक दल के रूप में2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों पार्टियों ने शानदार प्रदर्शन किया था. हालांकि, चुनाव से पहले सपा के कई वरिष्ठ नेता बसपा को गठबंधन में शामिल न करने की वकालत की थी और इसका विरोध किया था.

राहुल गांधी के बयान से अटकलें तेज

अब राहुल गांधी ने खुद बीएसपी प्रमुख मायावती को दिए गए प्रस्ताव का खुलासा कर दिया है, जिससे उत्तर प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरणों की अटकलें तेज हो गई हैं.

राहुल गांधी का मानना है कि मायावती प्रभावी चुनावी रणनीति नहीं अपना रही हैं. उन्होंने यह बात 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव और हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजों के संदर्भ में कही, जहां बसपा का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा था.

अब सवाल उठता है कि क्या भविष्य में कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन की कोई संभावना बन सकती है? राहुल गांधी के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.

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